ये बात है 19 फरवरी 2017 की। उत्तर प्रदेश के 12 जिलों में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण का मतदान चल रहा था और दूसरी ओर फतेहपुर की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। प्रधानमंत्री ने तब भाषण में कुछ ऐसी बातें बोल दीं, जिसने यूपी ही नहीं, देश की सियासत में बड़ा उलटफेर कर दिया था।
प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘गांव में अगर कब्रिस्तान बनता है तो श्मशान भी बनना चाहिए, रमजान में बिजली मिलती है तो दिवाली में भी मिलनी चाहिए। होली पर बिजली आती है तो ईद पर भी आनी चाहिए। सरकार का काम है कि वह भेदभाव मुक्त शासन चलाए।’ मोदी के 48 मिनट के भाषण में सिर्फ इस लाइन ने पूरे चुनाव को बदल कर रख दिया था। नतीजे आए तो भाजपा ने यूपी की 403 में से 312 सीटों पर कब्जा जमा लिया था। भाजपा को एकतरफा जीत मिली थी।
आज भी कुछ इसी तरह का एक बयान प्रधानमंत्री ने दिया है। उस दिन भी वोटिंग चल रही थी और आज भी चल रही है। ऐसे में अब सियासी गलियारे में प्रधानमंत्री के नए बयान को लेकर खूब चर्चा होने लगी है।
पहले जान लीजिए पीएम मोदी ने क्या कहा?
आज उत्तर प्रदेश के नौ जिलों की 55 सीटों पर मतदान चल रहा है। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर देहात पहुंचे। यहां उन्होंने बड़ी चुनावी रैली को संबोधित किया। यहां उन्होंने 46 मिनट तक भाषण दिया। इस बीच, वह शुरुआत में ही कुछ ऐसा बोल गए, जिसने उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड और गोवा तक की सियासत में हलचल पैदा कर दी है।
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आज यूपी में दूसरे फेज के साथ उत्तराखंड और गोवा में भी चुनाव हो रहा है। मैं देश के मतदाताओं के सामने और विशेषकर जहां चुनाव चल रहा है, वहां के मतदाताओं को कुछ अवगत कराना चाहता हूं। मैंने कल गोवा के एक अखबार में तृणमूल कांग्रेस के एक नेता का इंटरव्यू पढ़ा। गोवा में टीएमसी पहली बार चुनाव लड़ रही है। उनसे पत्रकार ने सवाल पूछा था कि आपकी पार्टी का यहां (गोवा) तो कोई वजूद है नहीं, फिर आप यहां क्यों लड़ रहे हैं? इसका जो जवाब उन्होंने दिया, उस पर गोवा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और देश के सभी मतदाताओं को गौर करना चाहिए। टीएमसी कहती है कि हमने तो उस पार्टी (शिवसेना) से इसलिए गठबंधन किया है क्योंकि हम गोवा में हिंदू वोटों को बांटना चाहते हैं।’
प्रधानमंत्री यहीं नहीं रूके। उन्होंने कहा, ‘आप देखिए क्या यही लोकतंत्र है? आप खुलेआम कहें कि हम हिंदू वोटों को बांटना चाहते हैं तो आप किसके वोट एकत्रित करना चाहते हो? मैं गोवा के वोटर्स से कहना चाहता हूं कि अब मौका है इस प्रकार की राजनीति को दफन कर देने का।’
पीएम ने यूपी के वोटर्स से भी कर दी ये अपील
गोवा का जिक्र करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने यूपी की चर्चा शुरू कर दी। यूपी को लेकर भी जो मोदी ने बयान दिया उसने सियासी बाजार को गर्म कर दिया। पीएम बोले, ‘मेरे प्यारे साथियों… उत्तर प्रदेश में दूसरे चरण का जो ट्रेंड आया है और पहले चरण की जो वोटिंग हुई है, उसने चार बातें बहुत साफ कर दी है। इन चार बातों ने इन घोर परिवारवादियों को चारों खाने चित कर दिया है। उन्हें पराजित कर दिया है।’
प्रधानमंत्री ने कहा
‘भाजपा और योगी जी की सरकार फिर से आ रही है।’
‘हर जाति, हर बिरादरी, हर वर्ग के लोग बिना बंटे, गांव हो या शहर… बिना बंटे, बिना किसी भ्रम में पड़े एकजुट होकर यूपी के तेज विकास के लिए वोटिंग कर रहे हैं।’
‘हमारी माताओं, बहनों ने भाजपा की जीत का झंडा खुद उठा लिया है। माताओं-बहनों ने सम्मानजनक जिंदगी के लिए भाजपा की जीत का झंडा उठा लिया है।
‘मेरी मुस्लिम बहनें चुपचाप बिना किसी शोर शराबे के मन बनाकर मोदी को आशीर्वाद देने के लिए घर से निकल रहीं हैं। हमारी मुस्लिम महिलाएं, बहन बेटियां जानती हैं कि जो सुख-दुख में काम आता है, वही अपना होता है।’
पीएम मोदी के इन बयानों का 2017 में क्या हुआ था असर और अब क्या हो सकता है?
कानपुर देहात में रैली को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी।
2017 विधानसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कब्रिस्तान और श्मशान वाले बयान ने खूब सुर्खियां बंटोरी थीं। मोदी के इस बयान के बाद चार फेज में चुनाव हुए थे और सभी फेज में भाजपा को काफी ज्यादा फायदा हुआ था।
राजनीतिक विश्लेषक और वरिष्ठ पत्रकार प्रमोद श्रीवास्तव बताते हैं कि आज दूसरे चरण की 55 विधानसभा सीटों में से 40 पर साफ-साफ मुस्लिम वोटर्स का दबदबा है। पिछली बार इन 55 में 38 सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। तब यहां के जाट, गुर्जर, जाटव, दलित वोटर्स एकजुट होकर भाजपा के साथ खड़े थे। तीन तलाक के मुद्दे के चलते मुस्लिम महिलाओं ने भी भाजपा का साथ दिया था। इस बार किसान आंदोलन को लेकर जाट, गुर्जर वोटर्स में कुछ नाराजगी है। अगर ये वोट बंट गए तो भाजपा को काफी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
पीएम मोदी का कानपुर देहात में दिया गया बयान खेल पलट सकता है। अगर पीएम मोदी के इस बयान का थोड़ा बहुत भी असर होता है तो इन 55 सीटों पर भाजपा नुकसान को कम करने में कामयाब हो जाएगी। आगे भी इसका फायदा होगा।