वाराणसी, 21 मई 2025, बुधवार। काशी, भारत का आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र, जहां गंगा के घाट और काशी विश्वनाथ मंदिर की गूंज हर कोने में सुनाई देती है। लेकिन हाल ही में इस पवित्र नगरी की गलियों से एक ऐसी खबर उभरी, जिसने पुलिस और खुफिया तंत्र को हाई अलर्ट पर ला दिया। हरियाणा की यूट्यूबर ज्योति मल्होत्रा, जो अपने यात्रा व्लॉग्स के लिए जानी जाती हैं, अब पाकिस्तान के लिए जासूसी के गंभीर आरोपों में गिरफ्तार हो चुकी हैं। ज्योति पिछले पांच सालों से वाराणसी की सैर करती रही हैं, लेकिन उनकी गतिविधियों ने अब कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
वंदेभारत के उद्घाटन सफर में ज्योति की मौजूदगी
दो साल पहले, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी से दिल्ली के लिए दूसरी वंदेभारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाई, तो उस ऐतिहासिक यात्रा में ज्योति भी सवार थीं। उन्होंने न केवल इस सफर का वीडियो बनाया, बल्कि ट्रेन के पायलट केबिन का क्लोजअप शॉट भी लिया। उनके यूट्यूब चैनल पर अपलोड वीडियो में वह वाराणसी के काशी विश्वनाथ कॉरिडोर और अन्य प्रमुख स्थानों की बारीकियां दिखाती नजर आईं। लेकिन अब यही वीडियो जांच का केंद्र बन चुके हैं।
पांच साल, बार-बार वाराणसी
ज्योति का वाराणसी से गहरा नाता रहा है। वह पांच साल से लगातार इस शहर में आ रही थीं और हर बार लंबे समय तक रुकती थीं। अक्टूबर 2022 में वह पूरे एक महीने तक वाराणसी में रुकीं। इस दौरान उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर, गंगा के घाट, छावनी क्षेत्र, और मुस्लिम बाहुल्य रेवड़ी तालाब जैसे इलाकों की सैर की। चौसत्ती घाट के पास वंडर स्टेशन हॉस्टल में ठहरते हुए उन्होंने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि विदेशी पर्यटकों से भी दोस्ती की। गंगा आरती में हिस्सा लिया, नाविकों से घाटों की जानकारी जुटाई, और बनारसी साड़ियों के कारखानों तक पहुंची।
रेवड़ी तालाब से छावनी तक: हर कदम पर वीडियो
ज्योति के व्लॉग्स में वाराणसी की तंग गलियों से लेकर बनारसी सिल्क फैक्ट्री तक की झलकियां थीं। रेवड़ी तालाब में उन्होंने स्थानीय लोगों के रहन-सहन और कारोबार की जानकारी ली, तो छावनी क्षेत्र में दो लाख रुपये की बनारसी साड़ी पहनकर फोटोशूट कराया। उनके वीडियो में गंगा के घाट, जूना अखाड़ा, और हिंदू अंतिम संस्कार की प्रक्रियाओं की जानकारी भी शामिल थी। 2023 में वह दोबारा विश्वनाथ कॉरिडोर पहुंचीं और निर्माण कार्य की प्रगति को अपने कैमरे में कैद किया।
2024 में भी नहीं रुकीं
दिसंबर 2024 में ज्योति वॉल्वो बस से वाराणसी पहुंचीं। इस बार भी उन्होंने बस स्टैंड, नाव के रास्तों, और गंगा में बोटिंग के वीडियो बनाए। करीब एक महीने तक वह शहर में रहीं और अपने चैनल पर तमाम वीडियो अपलोड किए। लेकिन अब यही वीडियो उनकी मुश्किलों का सबब बन गए हैं।
पुलिस और खुफिया तंत्र की तलाश
ज्योति की गतिविधियों पर संदेह होने के बाद पुलिस और खुफिया एजेंसियां सक्रिय हो गई हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर मौजूद हर वीडियो की बारीकी से जांच हो रही है। दुकानदारों, नाविकों, हॉस्टल संचालकों, और उनके वीडियो में नजर आने वाले हर शख्स की सूची तैयार की जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश में है कि ज्योति ने किन-किन जगहों की जानकारी जुटाई और उनका मकसद क्या था।
सवालों के घेरे में ज्योति
ज्योति मल्होत्रा के व्लॉग्स, जो कभी काशी की खूबसूरती को दुनिया तक पहुंचाने का जरिया थे, अब सवालों के घेरे में हैं। क्या वह सिर्फ एक उत्साही यूट्यूबर थीं, जो बनारस की संस्कृति को कैद करना चाहती थीं, या इसके पीछे कोई गहरी साजिश थी? पुलिस की जांच और उनके वीडियो के सबूत इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर रहे हैं।
फिलहाल, वाराणसी की गलियां और गंगा के घाट, जहां ज्योति की कैमरा लाइट्स चमकती थीं, अब जांच की रोशनी में हैं। इस कहानी का अगला मोड़ क्या होगा, यह तो वक्त ही बताएगा।