देहरादून, 3 जून 2025, मंगलवार: हरिद्वार नगर निगम में हुए जमीन घोटाले के मामले में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सख्त कार्रवाई करते हुए दो आईएएस, एक पीसीएस सहित सात अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए। इस प्रकरण में तीन अधिकारी पहले ही निलंबित हो चुके हैं, जबकि दो अधिकारियों की सेवा समाप्त की जा चुकी है। इस तरह, अब तक कुल दस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई हो चुकी है।
घटना का विवरण
हरिद्वार नगर निगम द्वारा ग्राम सराय में कूड़े के ढेर के पास 2.3070 हेक्टेयर अनुपयुक्त जमीन को करोड़ों रुपये में खरीदने के मामले में अनियमितताओं के आरोप लगे। मुख्यमंत्री धामी ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। सचिव रणवीर सिंह चौहान की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट, जो 29 मई को शासन को सौंपी गई, के आधार पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने मंगलवार को सात अधिकारियों को निलंबित कर दिया।
निलंबित अधिकारी
कर्मेंद्र सिंह: तत्कालीन प्रशासक, नगर निगम हरिद्वार और वर्तमान जिलाधिकारी
वरुण चौधरी: तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार
अजयवीर सिंह: तत्कालीन उपजिलाधिकारी, हरिद्वार
निकिता बिष्ट: वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार
विक्की: वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक
राजेश कुमार: रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार
कमलदास: मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार
पूर्व में की गई कार्रवाई
रविंद्र कुमार दयाल: प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त)
आनंद सिंह मिश्रवाण: प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
लक्ष्मी कांत भट्ट: कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
दिनेश चंद्र कांडपाल: अवर अभियंता (निलंबित)
वेदपाल: संपत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, “हमारी सरकार ने पहले दिन से स्पष्ट किया है कि लोकसेवा में ‘पद’ नहीं, बल्कि ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ महत्वपूर्ण हैं। चाहे व्यक्ति कितना भी वरिष्ठ हो, जनहित और नियमों की अवहेलना करने पर कार्रवाई निश्चित है। हम उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं।”
यह कार्रवाई धामी सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाती है, जिसका उद्देश्य उत्तराखंड में पारदर्शी और जवाबदेह प्रशासन स्थापित करना है।