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Friday, July 18, 2025

उत्तराखंड में हरेला पर्व बना हरित क्रांति का प्रतीक, 8 लाख 13 हजार से अधिक पौधे रोपे गए

देहरादून, 16 जुलाई 2025: उत्तराखंड का पारंपरिक हरेला पर्व इस बार पर्यावरण संरक्षण और जनभागीदारी के एक ऐतिहासिक जनांदोलन के रूप में उभरा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से शुरू “एक पेड़ माँ के नाम” अभियान को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘हरेला का त्योहार मनाओ, धरती माँ का ऋण चुकाओ’ के संदेश के साथ नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। इस अवसर पर पूरे राज्य में 8 लाख 13 हजार से अधिक पौधे रोपे गए, जो उत्तराखंड के इतिहास में किसी एक पर्व पर किया गया सबसे बड़ा वृक्षारोपण प्रयास है।

मुख्यमंत्री धामी ने देहरादून में स्वयं पौधारोपण कर इस अभियान का शुभारंभ किया और इसे जन-जन का आंदोलन बनाया। प्रदेश के 13 जिलों में गांवों, कस्बों, शहरों, स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों और सामुदायिक स्थलों पर हजारों स्थानों पर वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित हुए। वन विभाग, स्थानीय प्रशासन, स्वयंसेवी संगठन, महिला समूह, युवा और स्कूली बच्चे इस हरित उत्सव में पूरे उत्साह के साथ शामिल हुए।

मुख्यमंत्री ने कहा, “हरेला पर्व उत्तराखंड की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय चेतना का प्रतीक है। यह केवल पौधरोपण का आयोजन नहीं, बल्कि जल, जंगल और जमीन के प्रति हमारी सामूहिक जिम्मेदारी का उत्सव है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार विकास और पर्यावरण संरक्षण के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।

यह अभियान न केवल हरियाली का संदेश दे रहा है, बल्कि उत्तराखंड को सतत विकास और पर्यावरण संवेदनशीलता के पथ पर अग्रसर कर रहा है। रोपे गए ये पौधे भविष्य में एक हरित और समृद्ध उत्तराखंड के निर्माण का आधार बनेंगे। हरेला पर्व ने साबित कर दिया कि उत्तराखंड न केवल हिमालय का गहना है, बल्कि पर्यावरण जागरूकता का भी सशक्त प्रतीक है।

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