नई दिल्ली, 16 जनवरी 2025, गुरुवार। संघ प्रमुख मोहन भागवत के आजादी वाले बयान पर दिल्ली से महाराष्ट्र तक घमासान मचा है। भागवत ने कहा था कि, हमें 1947 में आजादी मिली, लेकिन सच्ची स्वतंत्रता उस दिन मिली, जब अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हुई। इसके बाद राहुल गांधी ने कहा कि, अगर भागवत और किसी देश में होते तो वहां उनके इस बयान पर देशद्रोह तक लग सकता था। दरसल, मोहन भागवत ने कहा था कि राम मंदिर बनने के बाद ही देश को सच्ची स्वतंत्रता मिली थी। इसी को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि ऐसा कहना हर भारतीय का अपमान है। उन्होंने कहा कि यदि किसी दूसरे देश में मोहन भागवत ने ऐसा कहा होता तो अब तक उनकी गिरफ्तारी हो जाती। भागवत ने कहा था कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि ‘प्रतिष्ठा द्वादशी’ के रूप में मनाई जानी चाहिए क्योंकि अनेक सदियों से दुश्मन का आक्रमण झेलने वाले देश को सच्ची स्वतंत्रता इस दिन मिली थी।
राहुल गांधी ने कहा, ‘भागवत ने जो कहा है वह राजद्रोह के समान है क्योंकि उनके कहने का मतलब है कि संविधान अवैध है, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई अवैध है… किसी दूसरे देश में तो अब तक उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाता और उन पर मुकदमा चलाया जाता।’ उन्होंने कहा कि भागवत का यह बयान हर भारतीय का अपमान है। राहुल गांधी ने कहा कि अब समय आ गया है जब इस तरह की बकवास सुनना बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘दो विचारों के बीच लड़ाई है। एक हमारा विचार है जो संविधान का विचार है और दूसरी तरफ आरएसएस का विचार है जो इसके उलट है।’ कांग्रेस नेता ने कहा, ‘देश में कोई दूसरा दल नहीं है जो भाजपा और आरएसएस के एजेंडे को रोक सके। सिर्फ कांग्रेस ही इन्हें रोक सकती है क्योंकि हम एक विचारधारा वाली पार्टी हैं।’
राहुल गांधी ने इंदिरा भवन के नाम से कांग्रेस के नए मुख्यालय के उद्घाटन के मौके पर ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आज तो सारी जांच एजेंसियां इसलिए हैं ताकि कैसे विपक्षी नेताओं को घेरा जाए और उन्हें जेल भेजा जा सके। उन्होंने कहा कि आज चुनाव आयोग को भी खुद को पाक-साफ करने की जरूरत है। उन्हें महाराष्ट्र और हरियाणा चुनाव का डेटा देना चाहिए। लेकिन उनकी ओर से इससे इनकार किया जा रहा है। ऐसे में हमें कैसे भरोसा होगा कि इलेक्टोरल सिस्टम सही है। यह चुनाव आयोग पर है कि वह साबित करे की चुनाव पारदर्शी तरीके से हो रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा। उन्होंने कहा कि आरएसएस के खिलाफ सिर्फ कांग्रेस के लोग ही टक्कर ले रहे हैं और इसका उन्हें नुकसान उठाना पड़ रहा है।