गुयाना के राष्ट्रपति डॉ. इरफान अली ने जॉर्जटाउन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘ऑर्डर ऑफ एक्सीलेंस’ से सम्मानित किया। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मुझे गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित करने के लिए मैं अपने मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। यह सम्मान केवल मेरा नहीं, बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है। यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है। जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा।
उन्होंने कहा कि भारत और गुयाना संबंध हमारे साझा इतिहास, सांस्कृतिक धरोहर और गहरे आपसी विश्वास पर आधारित है। इन संबंधों को अभूतपूर्व ऊंचाईयों तक ले जाने में राष्ट्रपति इरफान अली का निजी रूप से बहुत बड़ा योगदान रहा है उनके नतृत्व में हम हर दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की चर्चाओं में मैंने भारत के लोगों के प्रति उनके स्नेह और आदर को महसूस किया। भारत भी गुयाना के साथ हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर चलने के लिए तैयार है। दो लोकतंत्रों के रूप में हमारा सहयोग केवल द्विपक्षीय संबंधों के लिए नहीं, बल्कि पूरे ग्लोबल साउथ के लिए महत्वपूर्ण है।
भारत और गुयाना के बीच समानताओं के कई उदाहरण’
उन्होंने कहा कि अनेक नदियां, झरना और झीलों से समृद्ध गुयाना को ‘अनेक जलों की भूमि’ कहा जाता है। जिस प्रकार से गुयाना की नदियां यहां के लोगों की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा हैं, उसी प्रकार भारत की गंगा, यमुना और ब्रह्मपुत्र जैसी महान नदियां हमारी प्राचीन सभ्यता का जन्म स्थल रही है। भारत और गुयाना के बीच समानताओं के ऐसे कई उदाहरण हैं, जो हमारे ऐतिहासिक संबंधों और भी गहरा करते हैं।
हम आपको इस कैरीकॉम परिवार के सदस्य के रूप में मानते हैं: अली
इससे पहले गुयाना के राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी, नवाचार और डिजिटलीकरण का उपयोग देशों के बीच की खाई को बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। ये प्रगति खाई और गरीबी को कम करने और दुनिया को एक साथ लाने के लिए की जानी चाहिए। भारत नई प्रौद्योगिकी नवाचार का समर्थन करता रहा है और प्रधानमंत्री मोदी ने कैरीकॉम में हमें याद दिलाया कि आप इस कैरीकॉम परिवार के सदस्य हैं। हम आपको बताना चाहते हैं कि हम आपको इस कैरीकॉम परिवार के सदस्य के रूप में मानते हैं। यह एक द्विपक्षीय बैठक थी, जो अलग थी। यह विचारों का मिलन था, विचारों का आदान-प्रदान था और चुनौतियों से पार पाने के लिए एक-दूसरे की मदद करने की प्रतिबद्धता थी।