नई दिल्ली, 7 जनवरी 2025, मंगलवार। गुटखा माफिया किशोर वाधवानी पर आरोप है कि उन्होंने 500 करोड़ से अधिक की रकम को अखबार की आड़ में सफेद करने की कोशिश की। इसके अलावा, उन पर धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश जैसे मामलों में भी आरोप लगाए गए हैं। किशोर और उनके चाचा भतीजे फरार हैं और फरवरी 2021 में डीजीजीआई द्वारा तुकोगंज थाने में दर्ज की गई एफआईआर को रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट पहुंचे हैं।
किशोर के खिलाफ जांच एजेंसियों और तुकोगंज पुलिस ने अपना विरोध दर्ज कराया है, लेकिन ईडी आज भी मामले से गायब रहा। कोर्ट ने किशोर को प्रतिउत्तर प्रस्तुत करने के लिए तीन दिन का समय दिया है और आगामी सुनवाई 15 जनवरी को हो सकती है।
2016 से 2020 तक के अखबारों के अंकों की जांच में डीजीजीआई ने फर्जी विज्ञापन इनवाइस, 6000 कॉपी छापकर 1 लाख दिखाकर सरकारी विज्ञापन लेकर राजस्व के नुकसान की गड़बड़ी पकड़ी थी। इन गड़बड़ियों को रिकॉर्ड संधारित करने वाली और निगरानी करने वाले विभागों से मिलकर गोलमोल कर दिया गया है।
किशोर से जुड़े प्रकरणों में कई दुर्लभ संयोग हैं, जैसे कि डीजीजीआई के दफ्तर से किशोर और उसके गुर्गों से जब्त दस्तावेजों की चोरी, किशोर की सील इकाइयों में चोरी, और बीते चार साल में कछुआ जांच और साक्ष्य को प्रभावित करने के सफल प्रयास। 2020 में डीजीजीआई, 2021 में तुकोगंज पुलिस और 2021 मार्च में ईडी ने केस दर्ज किए थे। दोनों प्रीमियम एजेंसी चाचा भतीजे के सेफ पैसेज लगभग दे ही चुकी हैं।