नई दिल्ली, 24 मई 2025, शनिवार। देश की सुरक्षा को ताक पर रखकर गद्दारी का खेल खेलने वालों की काली करतूतें एक बार फिर सामने आई हैं। गुजरात के कच्छ से गिरफ्तार सहदेव सिंह गोहिल नामक शख्स ने महज 40 हजार रुपये के लालच में देश की संवेदनशील जानकारी पाकिस्तान को सौंप दी। बीएसएफ और भारतीय नौसेना से जुड़े गोपनीय दस्तावेज, तस्वीरें और वीडियो उसने दुश्मन देश के एजेंट को भेजे, जिससे देश की सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडराने लगा।
कच्छ का स्वास्थ्य कार्यकर्ता निकला जासूस
गुजरात एटीएस (एंटी-टेररिस्ट स्क्वॉड) ने इस सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए सहदेव सिंह गोहिल को हिरासत में लिया। गोहिल कच्छ में एक मल्टीपर्पस स्वास्थ्य कार्यकर्ता के रूप में काम करता था, लेकिन उसकी असलियत कुछ और ही थी। गुजरात एटीएस के एसपी के. सिद्धार्थ ने बताया कि गोहिल जून-जुलाई 2023 से व्हाट्सएप के जरिए एक पाकिस्तानी एजेंट के संपर्क में था, जो खुद को “अदिति भारद्वाज” के नाम से पेश कर रही थी। यह महिला एजेंट गोहिल से बीएसएफ और भारतीय नौसेना के निर्माणाधीन ठिकानों और संवेदनशील स्थानों की तस्वीरें और वीडियो मांग रही थी।
लालच में बिका देश का विश्वास
एटीएस की जांच में सामने आया कि गोहिल ने 2025 की शुरुआत में अपने आधार कार्ड का इस्तेमाल कर एक सिम कार्ड खरीदा और उस पर व्हाट्सएप अकाउंट बनाकर पाकिस्तानी एजेंट को सौंप दिया। इस नंबर के जरिए उसने बीएसएफ और भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के बुनियादी ढांचे से जुड़ी तस्वीरें और वीडियो शेयर किए। चौंकाने वाली बात यह है कि इस गद्दारी के लिए गोहिल को एक अज्ञात शख्स ने 40 हजार रुपये दिए, जिसके जासूसी नेटवर्क से जुड़े होने का शक है।
पाकिस्तान से संचालित था व्हाट्सएप नंबर
जांच में यह भी पता चला कि “अदिति भारद्वाज” के नाम से चलने वाला व्हाट्सएप नंबर पाकिस्तान से ऑपरेट किया जा रहा था। गोहिल का फोन फॉरेंसिक जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) को भेजा गया, जहां से इस बात की पुष्टि हुई कि वह संवेदनशील जानकारी दुश्मन देश को भेज रहा था। एटीएस ने गोहिल और उसके पाकिस्तानी एजेंट के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 61 और 148 के तहत मामला दर्ज किया है।
देशद्रोह का काला अध्याय
यह पहला मामला नहीं है जब देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने की साजिश सामने आई हो, लेकिन हर बार यह सवाल उठता है कि आखिर कब तक लालच और विश्वासघात की ऐसी कहानियां देश को झकझोरती रहेंगी? सहदेव सिंह गोहिल जैसे लोग न केवल देश की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं, बल्कि उन जवानों की मेहनत और बलिदान का भी अपमान करते हैं, जो सीमाओं पर दिन-रात हमारी हिफाजत के लिए तैनात रहते हैं।
गुजरात एटीएस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि देश के खिलाफ साजिश रचने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अब सवाल यह है कि क्या इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए और सख्त कदम उठाने की जरूरत है? देश की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, ताकि भविष्य में कोई भी ऐसा दुस्साहस करने की हिम्मत न करे।