नई दिल्ली, 5 जुलाई 2025: जीएसटी राजस्व संग्रहण को और अधिक पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से गठित मंत्रियों के समूह (GoM) की एक महत्वपूर्ण बैठक शुक्रवार को राजधानी दिल्ली में आयोजित हुई। गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद पी. सावंत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी ने राज्य के अनुभव साझा किए और बोगस व्यवसायियों पर सख्त कार्रवाई, पंजीयन प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक के उपयोग, तथा फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट पर रोकथाम के लिए कई महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए।
बैठक में विभिन्न राज्यों के वित्त मंत्रियों ने जीएसटी राजस्व संग्रहण में आ रही चुनौतियों और आर्थिक कारकों का विस्तृत विश्लेषण किया। छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री श्री चौधरी ने राज्य में एंटी-इवेजन और अनुपालन के क्षेत्र में की गई पहलों को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में डाटा एनालिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित टूल्स के उपयोग से कर अपवंचन पर अंकुश लगाने और वास्तविक करदाताओं को सहूलियत प्रदान करने में उल्लेखनीय सफलता मिली है, जिससे राज्य के राजस्व में भी वृद्धि हुई है।
श्री चौधरी ने बीफा, जीएसटी प्राइम और ई-वे बिल पोर्टल जैसी अत्याधुनिक प्रणालियों के प्रजेंटेशन के दौरान सुझाव दिया कि इन नवाचारों को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से बोगस व्यवसायियों की पहचान और उन पर कार्रवाई में तेजी आएगी। उन्होंने फर्जी बिलों पर नियंत्रण, फर्जी इनपुट टैक्स क्रेडिट की रोकथाम, और पंजीकरण प्रक्रिया में पारदर्शिता के लिए केंद्रीकृत डिजिटल तंत्र विकसित करने पर जोर दिया। उनके अनुसार, ये उपाय न केवल राजस्व वृद्धि में सहायक होंगे, बल्कि करदाताओं के बीच विश्वास भी बढ़ाएंगे।
छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य स्तर पर नियमित समीक्षा और डेटा आधारित निर्णय प्रक्रियाओं ने जीएसटी कलेक्शन में सकारात्मक परिणाम दिए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के मॉडल को अन्य राज्यों के लिए उपयोगी बताते हुए इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की वकालत की।
बैठक में श्री चौधरी ने सभी राज्यों से साझा प्रयासों के माध्यम से जीएसटी राजस्व में स्थायित्व और वृद्धि सुनिश्चित करने का आह्वान किया। उन्होंने विश्वास जताया कि मंत्रियों के समूह के सुझावों को जीएसटी परिषद शीघ्र लागू करेगी, जिससे देश में कर राजस्व संग्रहण को नई दिशा मिलेगी। यह बैठक जीएसटी परिषद के समक्ष सुधारात्मक प्रस्ताव पेश करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।