ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल समूह के कमला राजा अस्पताल में एक ऐसी महिला का ऑपरेशन किया गया है, जो बीते 21 माह से अपने पेट में कैंची लेकर घूम रही थी। हालांकि शिकायत के बाद महिला का ऑपरेशन किया गया…. तो उसमें धारदार कैंची की जगह ऑपरेशन के दौरान खून रोकने में प्रयोग की जाने वाली चिमटी निकली है जिसे “मॉसकीटो आर्टरी फोरसेप” कहते है।
खास बात यह कि इसी कमला राजा अस्पताल में 20 फरवरी 2023 में हुए एक ऑपरेशन के दौरान पीड़ित महिला के साथ यह लापरवाही की गई थी। अब इस पूरे मामले में JAH प्रबंधन ने जांच शुरू कर दी है और जिस डॉक्टरों की टीम ने 2023 में महिला का ऑपरेशन किया था, उनकी जानकारी मांगी गई है।
दरअसल भिंड जिले के मेहगांव के सौंधा गांव की रहने वाली कमला देवी को पेट में कैंची रह जाने की शिकायत पर JAH समूह के कमला राजा अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां पर डॉक्टरों की टीम ने ऑपरेशन किया लेकिन महिला के पेट में कैंची की जगह एक चिमटी निकली है जिसका उपयोग ऑपरेशन के दौरान खून रोकने के लिए किया जाता है,जिसे “मॉसकीटो आर्टरी फोरसेप” कहते है और इस पर कैंची जैसी कोई धार नहीं होती है। खास बात यह है, कि इसी अस्पताल में 20 फरवरी 2023 को पीड़ित महिला कमला का ओवरी में कैंसर की गठान का ऑपरेशन किया गया था।
इस समय डॉक्टरों की लापरवाही के चलते “मॉसकीटो आर्टरी फोरसेप” महिला के पेट में रह गई थी। हालांकि इस लापरवाही पर जयारोग्य अस्पताल समूह के अधीक्षक ने जांच के आदेश देते हुए..गायनिक विभाग से पीड़ित महिला के पूर्व के ऑपरेशन के सभी दस्तावेज और ऑपरेशन में शामिल लोगों की जानकारी मांगी है। हालांकि अधीक्षक का मानना है कि पूर्व के ऑपरेशन में चूक तो हुई है, क्योंकि ऑपरेशन में प्रयोग आने वाले औजारों की पहले और ऑपरेशन के बाद गिनती की जाती है। शायद यही पर किसी से गलती हुई है। जो अब जांच का विषय है।
पीड़ित महिला कमला देवी के परिजन पिछले डेढ़ साल से ज्यादा समय से परेशान थे फरवरी 2023 में ऑपरेशन करने के बाद जब वह वापस अपने घर चले गए। उसके बाद महिला को बीच-बीच में कई बार पेट दर्द की शिकायत हुई, लेकिन हर बार क्षेत्र के आसपास के डॉक्टरो से दवा ले ली गई लेकिन जब तकलीफ ज्यादा बढ गई, तब कहीं जाकर महिला का मेडिकल परीक्षण करवाया गया जिसमें पेट में कैंची जैसा औजार नजर आया। फिलहाल परिजन लापरवाही करने वाले डॉक्टर व स्टाफ पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।