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Sunday, July 6, 2025

पंजाब में ग्रेनेड हमले और सियासी घमासान: राजनीति की आड़ में कानून-व्यवस्था पर सवाल

नई दिल्ली, 15 अप्रैल 2025, मंगलवार। पंजाब में बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया के घर हुए ग्रेनेड हमले ने न सिर्फ़ राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं, बल्कि सियासी दलों के बीच तीखी जंग को भी हवा दे दी है। आम आदमी पार्टी (आप), कांग्रेस और बीजेपी एक-दूसरे पर कीचड़ उछालने में जुटे हैं, जबकि जनता कानून-व्यवस्था की बदहाली पर सवाल पूछ रही है। यह सियासी नूरा-कुश्ती पंजाब को कहां ले जाएगी?

ग्रेनेड हमले से शुरू हुआ तूफान

जालंधर में बीजेपी नेता मनोरंजन कालिया के घर ग्रेनेड हमले ने पूरे पंजाब को हिलाकर रख दिया। इसके बाद से ही आप और कांग्रेस के बीच जुबानी जंग तेज हो गई। पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस विधायक प्रताप सिंह बाजवा ने भगवंत मान सरकार पर हमला बोलते हुए दावा किया कि राज्य में 50 बम आए हैं, जिनमें से 18 अब तक फट चुके हैं और 32 बाकी हैं। इस बयान ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने तुरंत पलटवार किया और बाजवा से पूछा कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली? मान ने बाजवा पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर वह इस जानकारी का स्रोत नहीं बताते, तो कार्रवाई होगी। इतना ही नहीं, मान ने यह तक पूछ डाला कि क्या बाजवा का पाकिस्तान से कोई कनेक्शन है, जो उन्हें बमों की जानकारी मिल रही है?

बाजवा पर शिकंजा, कांग्रेस का जवाब

बाजवा के बयान के बाद मोहाली पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया और पूछताछ के लिए उनके घर तक पहुंच गई। बाजवा ने पुलिस स्टेशन जाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उनके समर्थकों ने विरोध तेज कर दिया। कांग्रेस सांसद डॉ. अमर सिंह ने सरकार को चुनौती दी कि चाहे जितने मुकदमे दर्ज हों, वे डटकर मुकाबला करेंगे। कांग्रेस का कहना है कि यह कार्रवाई सिर्फ़ विपक्ष को दबाने की साज़िश है।

बीजेपी का दोनों पर हमला

इस पूरे सियासी ड्रामे में बीजेपी भी पीछे नहीं रही। बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुग ने आप और कांग्रेस दोनों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने आरोप लगाया कि ये दोनों पार्टियां पंजाब को आतंक और अराजकता की ओर धकेल रही हैं। चुग ने कहा कि पंजाब में हाल के दिनों में 16 से ज़्यादा ग्रेनेड हमले हो चुके हैं, जिनमें से कई पुलिस स्टेशनों पर हुए। फिर भी, भगवंत मान सरकार इन हमलों की जड़ तक पहुंचने में नाकाम रही है। चुग ने आप सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह छोटी-मोटी गिरफ्तारियों से जनता का ध्यान भटका रही है, जबकि हमलों के पीछे का मास्टरमाइंड अब तक पकड़ से बाहर है।

चुग ने कांग्रेस को भी नहीं बख्शा। उन्होंने बाजवा से सवाल किया कि अगर उनके पास 50 बमों की पक्की जानकारी है, तो उन्होंने केंद्र की खुफिया एजेंसियों को क्यों नहीं बताया? चुग ने आप सरकार को “केजरीवाल गैंग” का हिस्सा बताते हुए तंज कसा कि पंजाब की जनता अब त्रस्त हो चुकी है और आप से पूछ रही है, “अतिथि, कब जाओगे?”

कानून-व्यवस्था पर सवाल

पंजाब, जो पाकिस्तान से सटा एक संवेदनशील सीमावर्ती राज्य है, वहां ग्रेनेड हमलों की बढ़ती घटनाएं चिंता का विषय हैं। बीजेपी का दावा है कि आप सरकार के पास न तो इन हमलों को रोकने की योजना है और न ही इच्छाशक्ति। दूसरी ओर, कांग्रेस का कहना है कि सरकार सिर्फ़ विपक्ष को निशाना बना रही है, जबकि असली मुद्दों से ध्यान हटा रही है। इस बीच, जनता के मन में सवाल है कि आखिर इन हमलों के पीछे कौन है? क्या यह आतंकी साज़िश का हिस्सा है, या कुछ और?

क्या है आगे की राह?

पंजाब की सियासत में यह घमासान कब थमेगा, यह कहना मुश्किल है। आप, कांग्रेस और बीजेपी की यह त्रिकोणीय जंग न सिर्फ़ राजनीतिक माहौल को गरमा रही है, बल्कि राज्य की कानून-व्यवस्था पर भी सवाल उठा रही है। जब तक इन हमलों की जड़ तक नहीं पहुंचा जाता और दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक पंजाब की जनता यही पूछती रहेगी कि आखिर सुरक्षित कौन है? क्या नेताओं की यह नूरा-कुश्ती पंजाब को फिर से अंधेरे में धकेल देगी, या कोई सकारात्मक हल निकलेगा? समय ही इसका जवाब देगा।

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