उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन प्राधिकरणों – नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा, Yeida) को निर्देश दिया कि वे गौतमबुद्ध नगर में अंतिम छोर तक संपर्क सुधारने के लिए कम से कम 400 इलेक्ट्रिक बसों की खरीद करें।
अधिकारियों ने बताया कि टेंडर संबंधी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद अगले तीन महीनों में सेवा शुरू हो जाएगी।
यह फैसला उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक के दौरान लिया गया। वे राज्य के औद्योगिक और अवसंरचना विकास आयुक्त भी हैं।
बैठक के दौरान, अधिकारियों ने बताया कि तीन शहरी क्षेत्रों के लिए व्यापक गतिशीलता योजना (मोबिलिटी प्लान) पर चर्चा हुई, जिनमें सिटी बस सेवा नहीं है। जिससे यात्रियों को असुविधा होती है।
इस मोबिलिटी प्लान में आगामी जेवर नोएडा हवाई अड्डे के लिए सिटी बस कनेक्टिविटी भी शामिल है।
सिंह ने कहा, हमने तीन औद्योगिक निकायों के साथ विचार-विमर्श किया और यह निर्णय लिया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा के भीतर यात्रा करने वाले यात्रियों को विश्वसनीय सेवा प्रदान करने वाली सिटी बस सेवा चलाने की जरूरत है। हमने तीनों प्राधिकरणों को सभी औपचारिकताएं पूरी करने का निर्देश दिया है।”
अधिकारियों ने बताया कि सिटी बस मार्ग में वाणिज्यिक, सरकारी कार्यालय, आर्थिक क्षेत्र, औद्योगिक क्षेत्र, नोएडा हवाई अड्डा, नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे, यमुना एक्सप्रेसवे, सेक्टर 62 में इलेक्ट्रॉनिक सिटी और दिल्ली की सीमाओं सहित सभी प्रमुख क्षेत्र शामिल होंगे।
नोएडा प्राधिकरण ने 2022 में तीन शहरों के लिए गतिशीलता योजना तैयार करने के लिए एक सलाहकार को नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की थी। यह कदम उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 5 मई, 2022 को नोएडा प्राधिकरण को एक क्षेत्रीय भौगोलिक आर्थिक योजना तैयार करने का निर्देश दिए जाने के बाद उठाया गया था, जो वित्त, शहरी गतिशीलता और बुनियादी ढांचे सहित अन्य पहलुओं से संबंधित कमियों का समाधान करेगा।
लेकिन अधिकारियों ने कहा कि उस सलाहकार को अभी तक नियुक्त नहीं किया गया है। क्योंकि इस परियोजना से जुड़ी औपचारिकताएं पहले पूरी नहीं हो सकीं। उन्होंने कहा कि अब राज्य सरकार और तीनों प्राधिकरण सिटी बस सेवा चलाकर स्थानीय आवागमन संबंधी समस्याओं का समाधान करना चाहते हैं।