ग्रेटर नोएडा, 19 जुलाई 2025: शारदा यूनिवर्सिटी के मंडेला गर्ल्स हॉस्टल में शुक्रवार देर शाम एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे परिसर को झकझोर कर रख दिया। गुरुग्राम की 21 वर्षीय बीडीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा ज्योति वर्मा ने अपने हॉस्टल के कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। ज्योति के कमरे से बरामद सुसाइड नोट में दो प्रोफेसरों—महेंद्र सर और शार्ग मैम—पर मानसिक प्रताड़ना और अपमान का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस घटना के बाद गुस्साए छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया, जिसके बाद पुलिस ने दोनों आरोपित प्रोफेसरों को गिरफ्तार कर लिया।
सुसाइड नोट में ज्योति ने लिखा, “अगर मेरी मौत हुई तो इसके लिए पीसीपी और डेंटल मेडिकल के टीचर जिम्मेदार होंगे। महेंद्र सर और शार्ग मैम ने मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया और अपमानित किया। मैं लंबे समय से डिप्रेशन में थी। मैं चाहती हूं कि वे जेल जाएं।” नोट में यह भी जिक्र है कि उसे बार-बार फेल करने की धमकी दी जाती थी, जिसके चलते वह गहरे मानसिक दबाव में थी।
छात्रों का गुस्सा, पुलिस से नोकझोंक
ज्योति की आत्महत्या की खबर फैलते ही हॉस्टल परिसर में हड़कंप मच गया। गुस्साए छात्रों ने यूनिवर्सिटी प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और निष्पक्ष जांच की मांग की। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच हल्की नोकझोंक भी हुई। छात्रों का आरोप है कि यूनिवर्सिटी में बुनियादी सुविधाओं का अभाव है और प्रोफेसर छात्रों को “बैक लगाने” की धमकी देते हैं। एक छात्रा ने बताया, “ज्योति हमारी बैचमेट थी। वह शुक्रवार को बहुत परेशान दिख रही थी। वार्डन ने सुसाइड नोट छिपाने की कोशिश की।”
पुलिस की कार्रवाई, दो प्रोफेसर हिरासत में
घटना की सूचना मिलते ही नॉलेज पार्क थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। अपर पुलिस उपायुक्त (एडीसीपी) सुधीर कुमार ने बताया, “18 जुलाई को हमें सूचना मिली कि शारदा यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में एक छात्रा ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। सुसाइड नोट के आधार पर दो प्रोफेसरों को हिरासत में लिया गया है। परिजनों की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज की गई है, और मामले की गहन जांच की जा रही है।”
ज्योति के पिता रमेश जांगड़ा ने यूनिवर्सिटी के डीन डॉ. एम. सिद्धार्थ, प्रोफेसर महेंद्र, शार्ग मैम, अनुराग अवस्थी, सुरभि और एक अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मानसिक उत्पीड़न और धमकी देने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है। परिजनों का कहना है कि ज्योति को बार-बार फेल करने की धमकी दी जाती थी, जिसने उसे आत्महत्या के लिए मजबूर किया।
यूनिवर्सिटी प्रशासन का बयान
शारदा यूनिवर्सिटी के पीआरओ डॉ. अजीत कुमार ने कहा, “यह एक दुखद घटना है। हम परिवार के साथ खड़े हैं। दो प्रोफेसरों को निलंबित कर दिया गया है, और मामले की आंतरिक जांच शुरू की गई है।” हालांकि, छात्रों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है और मांग की है कि दोषियों को कड़ी सजा दी जाए।
छात्रों की मांग और सामाजिक प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर गुस्सा और दुख व्यक्त किया जा रहा है। एक यूजर ने लिखा, “शारदा यूनिवर्सिटी में छात्रों के साथ ऐसा व्यवहार शर्मनाक है। न्याय और पारदर्शिता की जरूरत है।” इस मामले ने एक बार फिर शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षकों की जवाबदेही पर सवाल उठाए हैं।
पुलिस ने पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और सुसाइड नोट के आधार पर जांच शुरू कर दी है। यह घटना शारदा यूनिवर्सिटी के प्रशासन और शिक्षकों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है। समाज और छात्र समुदाय अब इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है, ताकि भविष्य में ऐसी दुखद घटनाओं को रोका जा सके।