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Saturday, September 13, 2025

ग्रेटर नोएडा दहेज हत्या: राज्य महिला आयोग की सदस्य ने पीड़िता के परिवार से मुलाकात की, त्वरित जांच का आश्वासन दिया

ग्रेटर नोएडा, 29 अगस्त 2025: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में दहेज की लालच में 26 वर्षीय विवाहिता निक्की भाटी की कथित हत्या के मामले ने पूरे इलाके को झकझोर दिया है। बुधवार को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. मीनाक्षी भाराला ने पीड़िता के पैतृक गांव रूपवास पहुंचकर उसके परिवार से मुलाकात की और मामले की त्वरित जांच के साथ-साथ फास्ट-ट्रैक कोर्ट में सुनवाई का आश्वासन दिया। भाराला ने मीडिया से बातचीत में कहा कि परिवार न्याय की मांग कर रहा है और आयोग दोषियों को सख्त सजा दिलाने के लिए हर संभव कदम उठाएगा।

निक्की की बहन कंचन, जो आरोपी रोहित भाटी की पत्नी भी हैं, ने मुलाकात के दौरान घटना का विस्तृत ब्यौरा बताया। उन्होंने दावा किया कि निक्की की मौत से एक दिन पहले उनके साथ भी मारपीट की गई थी। भाराला ने बताया, “परिवार ने बताया कि दोनों बहनें प्रताड़ित होने के बावजूद ससुराल में क्यों रहीं? इसका जवाब था कि सामाजिक दबाव और कलंक के डर से वे वापस लौट आती थीं। कंचन ने कहा कि घटना वाले दिन वह बीमार थीं, निक्की ने उन्हें नींबू पानी दिया और कपड़े प्रेस करने ऊपरी मंजिल पर गईं। तभी पति विपिन ने सीढ़ियों पर खड़े होकर ज्वलनशील पदार्थ डाला और आग लगा दी।” कंचन की यह बातचीत के दौरान बेहोश हो जाने से भावुक हो गईं, जबकि निक्की की मां कई बार रोते-रोते बेहोश हो गईं।

यह घटना 21 अगस्त को हुई, जब निक्की को उसके पति विपिन भाटी, सास दया देवी, ससुर सत्यवीर भाटी और जेठ रोहित भाटी ने कथित तौर पर दहेज की मांग पूरी न होने पर पीटा और ज्वलनशील पदार्थ डालकर जिंदा जला दिया। निक्की को पहले फोर्टिस अस्पताल ले जाया गया, लेकिन गंभीर जलने के कारण दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। कंचन की शिकायत पर कासना थाने में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1) (हत्या), 115(2) (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 61(2) (आपराधिक साजिश) के तहत मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने सभी चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है—विपिन को एनकाउंटर में पैर में गोली लगने के बाद, जबकि अन्य को फरार होने के बाद पकड़ा गया।

निक्की के पिता भिखारी सिंह पायला ने बताया कि 2016 में निक्की की शादी के समय ही स्कॉर्पियो एसयूवी, रॉयल एनफील्ड बाइक, करीब 500 ग्राम सोना और नकदी दी गई थी। फिर भी ससुराल पक्ष ने 36 लाख रुपये अतिरिक्त और एक लग्जरी कार की मांग की। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी ब्यूटी पार्लर चलाती थी, लेकिन ससुराल वाले उसे भी बर्दाश्त न कर सके। हमने सामाजिक दबाव में कई बार समझौते किए, लेकिन आखिरकार उन्होंने उसे बेरहमी से मार डाला।” निक्की का 6 वर्षीय बेटा, जो घटना के चश्मदीद था, ने रोते हुए कहा, “पापा ने मम्मी पर कुछ डाला, थप्पड़ मारा और लाइटर से आग लगा दी।” यह वीडियो, जो कंचन ने रिकॉर्ड किया, सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

भाराला ने मुलाकात के बाद कहा, “निक्की जैसी कोई और बेटी शिकार न बने, इसके लिए समाज को दहेज प्रथा के खिलाफ एकजुट होना होगा। आज शादियों पर 4-5 करोड़ रुपये खर्च होते हैं, लेकिन मध्यम वर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित है। दहेज न लेना-देना ही इसका अंत है।” उन्होंने पुलिस कमिश्नर से बात कर बताया कि जांच तीन-चार दिनों में पूरी हो जाएगी और चार्जशीट दाखिल की जाएगी। आयोग ने फास्ट-ट्रैक ट्रायल की सिफारिश की है।

राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी मामले का संज्ञान लिया है। अध्यक्ष विजया रहाटकर ने यूपी डीजीपी को पत्र लिखकर त्वरित जांच, सख्त कार्रवाई और पीड़िता परिवार व गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा, “आजादी के 75 साल बाद भी बेटियां दहेज जैसी कुप्रथा का शिकार हो रही हैं, यह गंभीर चिंता का विषय है।”

मामले में एक नया ट्विस्ट भी सामने आया है। निक्की के भाई रोहित की पत्नी मीनाक्षी ने आरोप लगाया कि शादी के समय ही उनके ससुराल (निक्की का परिवार) ने दहेज के लिए मारपीट की, जिसमें निक्की और कंचन भी शामिल थीं। उन्होंने दावा किया कि 2016 में शादी के दौरान मारुति सुजुकी सियाज और 21 तोला सोना दिया गया, लेकिन फिर स्कॉर्पियो की मांग हुई। मीनाक्षी ने कहा, “मुझे फोन रखने की इजाजत न थी और दो बार गर्भपात कराया गया।” पुलिस इन दावों की जांच कर रही है, लेकिन निक्की परिवार ने इन्हें खारिज किया है।

पुलिस ने घटनास्थल से ज्वलनशील पदार्थ की बोतल और लाइटर बरामद किया है। सीसीटीवी फुटेज और वीडियो क्लिप्स की जांच जारी है, जिसमें विपिन के बाहर होने का दावा भी शामिल है। एडीसीपी सुधीर कुमार ने कहा, “सभी बयान दर्ज हो चुके हैं, जांच सभी पहलुओं से हो रही है।” निक्की के परिवार ने दोषियों को फांसी और उनके घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की है। यह घटना दहेज हिंसा की बढ़ती प्रवृत्ति को उजागर करती है, जहां एनसीआरबी के अनुसार हर साल 6,000 से अधिक दहेज हत्याएं दर्ज होती हैं।

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