नई दिल्ली, 05 अप्रैल 2025, शनिवार: उत्तर रेलवे ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में आधारभूत ढांचे के विकास और यात्रियों की सुविधाओं को बढ़ाने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाए हैं। इस वर्ष रेलवे ने नई लाइनों के निर्माण, डबलिंग कार्यों, ट्रैक नवीनीकरण और यातायात सुविधाओं में सुधार के क्षेत्र में शानदार प्रदर्शन किया है। उत्तर रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार वर्मा ने इस उपलब्धि पर गर्व जताते हुए कहा, “हमारा लक्ष्य न केवल रेल नेटवर्क का विस्तार करना है, बल्कि इसे सुरक्षित, तेज और सुविधाजनक बनाना भी है।”
नई रेल लाइनों का विस्तार
वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्तर रेलवे ने कुल 92.551 किलोमीटर नई रेल लाइनों को चालू किया। इसमें सबसे चर्चित ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना का अहम हिस्सा शामिल है। संगलदान-रियासी खंड (46 किलोमीटर) का निरीक्षण 1 जुलाई 2024 को रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा पूरा हुआ, वहीं कटड़ा सेक्शन (17 किलोमीटर) का निरीक्षण 7 और 8 जनवरी 2025 को हुआ। इसके अलावा, देवबंद-रुड़की लाइन (29.551 किलोमीटर) का CRS निरीक्षण 29 मार्च 2025 को सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। ये परियोजनाएं देश के दूरदराज के क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने में मील का पत्थर साबित होंगी।
डबलिंग कार्यों में उल्लेखनीय प्रगति
रेलवे ने डबलिंग कार्यों में भी अपनी ताकत दिखाई। इस साल 129.865 किलोमीटर का डबलिंग कार्य पूरा हुआ, जिसमें 19 किलोमीटर का निर्माण और 110.865 किलोमीटर का कमीशनिंग शामिल है। राजपुरा-बठिंडा रूट पर 31.23 किलोमीटर का कमीशनिंग मई 2024 में हुआ, तो जंघई-फाफामऊ और जंघई-प्रतापगढ़-अमेठी खंड में 23.715 किलोमीटर का डबलिंग कार्य मार्च 2025 तक पूरा हुआ। लुधियाना-बद्दोवाल और लुधियाना-गिल्ल के बीच स्पीड ट्रायल भी नवंबर 2024 और मार्च 2025 में सफल रहे। ये प्रयास रेल यातायात को तेज और निर्बाध बनाने की दिशा में बड़ा कदम हैं।
स्टेशनों और ट्रैफिक सुविधाओं में सुधार
उत्तर रेलवे ने 26 नॉन-इंटरलॉकिंग (NI) कार्यों को पूरा कर ट्रैफिक सुविधाओं में क्रांतिकारी बदलाव किया। अयोध्या कैंट और रोजा यार्ड का पुनर्निर्माण, जम्मू, शाहगंज, पलवल और रुड़की जैसे स्टेशनों पर अतिरिक्त लूप लाइनें और नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य इसकी मिसाल हैं। सड़क यातायात को बेहतर करने के लिए 17 रोड ओवर ब्रिज (ROB) और 50 लिमिटेड हाइट सबवे (LHS)/रोड अंडर ब्रिज (RUB) भी बनाए गए।
ट्रैक नवीनीकरण और वर्कशॉप का आधुनिकीकरण
ट्रैक नवीनीकरण के तहत उतरेटिया-आलमनगर बाईपास पर 17 किलोमीटर का थ्रू फिटिंग ट्रैक रिन्यूअल (TFTR) पूरा हुआ। रेलवे वर्कशॉप्स में भी विकास की बयार बही। रायबरेली में 26 कोच वॉशिंग और सिक्स लाइन सुविधाएं शुरू की गईं, तो कालका में ब्रॉड गेज वॉशिंग लाइन का विस्तार हुआ। नई दिल्ली के तिलक ब्रिज पर ऑफिसर्स रेस्ट हाउस में दो नए ब्लॉक और लखनऊ में लोको पायलटों व गार्ड्स के लिए 125 दो-बिस्तरों वाला आधुनिक रनिंग रूम तैयार किया गया।
यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं
ये सभी प्रयास उत्तर रेलवे की उस प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं, जो यात्रियों को सुरक्षित, सुगम और आरामदायक यात्रा अनुभव देने के लिए है। महाप्रबंधक श्री वर्मा ने कहा, “हमारा हर कदम रेलवे को नई ऊंचाइयों तक ले जाने और देश की प्रगति में योगदान देने के लिए है।”
उत्तर रेलवे की ये उपलब्धियां न केवल तकनीकी कौशल का प्रदर्शन हैं, बल्कि एक बेहतर और जुड़े हुए भारत के सपने को साकार करने की दिशा में ठोस कदम भी हैं।