वाराणसी, 19 जून 2025, गुरुवार। वाराणसी का पवित्र मणिकर्णिका घाट, जिसे ‘महाश्मशान’ के नाम से जाना जाता है, अब एक नए और भव्य रूप में सजने को तैयार है। इस मोक्ष तीर्थ के पुनर्विकास की डिजाइन में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया है। अब यहां पाइलिंग की जगह चार मीटर गहरी खोदाई के बाद राफ्ट फाउंडेशन तैयार होगा, जिस पर स्टील बीम बांधे जाएंगे। इसकी तैयारियां जोरों पर हैं।
बारिश और बाढ़ के मौसम को ध्यान में रखते हुए निर्माण कार्य ब्लॉक-वार होगा, ताकि दाह-संस्कार की पवित्र परंपरा निर्बाध जारी रहे। कार्यदायी एजेंसी के अनुसार, पाइलिंग के दौरान जमीन में जली लकड़ी और कपड़ों की अधिकता से परेशानी हो रही थी, इसलिए राफ्ट फाउंडेशन का निर्णय लिया गया।
18 करोड़ की लागत से होगा कायाकल्प
लगभग 18 करोड़ रुपये की लागत से हो रहे इस पुनर्विकास का वित्तपोषण कोलकाता के रूपा फाउंडेशन के सीएसआर फंड से किया जा रहा है। 7 जुलाई 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस परियोजना का शिलान्यास किया था। घाट को चुनार के बलुआ पत्थरों और जयपुर के गुलाबी पत्थरों से सजाया जाएगा, जो इसे एक आकर्षक और आध्यात्मिक स्वरूप देगा।
32 अत्याधुनिक क्रेमेटोरियम, प्रदूषणमुक्त चिमनी
मणिकर्णिका की चिता की आग, जो कभी नहीं बुझती, अपनी पवित्र परंपरा को बनाए रखेगी, लेकिन अब यह दृश्य और आधुनिक होगा। एक विशाल हॉल में 32 पत्थरों से बने शवदाह प्लेटफॉर्म बनाए जाएंगे, जहां चिता जलाई जाएगी। यह हॉल इस तरह डिजाइन होगा कि जलती चिता बाहर से दिखाई नहीं देगी, और परिजन आसानी से वहां पहुंच सकेंगे।
प्रदूषण को कम करने के लिए ऊर्जा गैस इक्विपमेंट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 30 मीटर ऊंची अत्याधुनिक चिमनी स्थापित की जाएगी। यह न केवल पर्यावरण की रक्षा करेगी, बल्कि आसपास के निवासियों को भी राहत देगी।
मणिकर्णिका कुंड और मंदिरों का सौंदर्यीकरण
मणिकर्णिका कुंड और रत्नेश्वर महादेव मंदिर को भी नया रूप दिया जाएगा। कुंड का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व अक्षुण्ण रहेगा, जहां सूर्य-चंद्र ग्रहण, गंगा दशहरा, छठ, और अन्य पर्वों पर स्नान की परंपरा बदस्तूर जारी रहेगी। रत्नेश्वर महादेव सहित तीन मंदिरों का जीर्णोद्धार होगा, और शव स्नान के लिए अलग जलकुंड बनाया जाएगा।
पर्यटकों के लिए विशेष सुविधाएं
महाश्मशान की आध्यात्मिकता और इतिहास को देखने हर साल लाखों पर्यटक आते हैं। उनके लिए एक अलग विजिटर मार्ग बनाया जाएगा। इसके अलावा, भूतल पर पंजीकरण कक्ष, लकड़ी भंडारण क्षेत्र, सामुदायिक प्रतीक्षा कक्ष, दो सामुदायिक शौचालय, और हरित क्षेत्र विकसित होगा।
हरियाली से सजेगा महाश्मशान
मणिकर्णिका घाट पर हरियाली का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। 29,350 वर्ग फीट के भूतल क्षेत्र में 12,250 वर्ग फीट दाह-संस्कार के लिए और 20,200 वर्ग फीट प्रथम तल के लिए निर्धारित है। दो सामुदायिक शौचालय और हरे-भरे क्षेत्र से घाट की सुंदरता और बढ़ेगी।
राफ्ट फाउंडेशन: मजबूती का प्रतीक
राफ्ट फाउंडेशन, जिसे मैट फाउंडेशन भी कहते हैं, एक मजबूत और सपाट कंक्रीट की प्लेट होती है, जो कमजोर मिट्टी या पाइलिंग की कठिनाई में उपयोगी होती है। इसके ऊपर स्टील बीम बांधकर निर्माण को और मजबूती दी जाएगी।
परियोजना की बागडोर
इस परियोजना का निर्माण बीआइपीएल (ब्रिजटेक इंफ्राविज़न प्राइवेट लिमिटेड) और आर्किटेक्ट एजेंसी इडिफिस के हाथों में है। यह परियोजना न केवल मणिकर्णिका घाट को आधुनिक और पर्यावरण-अनुकूल बनाएगी, बल्कि इसकी आध्यात्मिक गरिमा को भी नई ऊंचाइयों तक ले जाएगी। मणिकर्णिका महाश्मशान का यह नया स्वरूप आस्था, संस्कृति, और आधुनिकता का अनूठा संगम होगा, जो देश-विदेश के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करेगा।