वाराणसी, 9 अगस्त 2025: सावन पूर्णिमा के पावन अवसर पर काशी विश्वनाथ मंदिर में नाथों के नाथ बाबा विश्वनाथ का झूलनोत्सव श्रृंगार धूमधाम से संपन्न हुआ। 351 साल पुरानी इस परंपरा के तहत बाबा विश्वनाथ, माता गौरा और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की पंचबदन प्रतिमा का भव्य श्रृंगार किया गया, जिसे देख भक्त भाव-विभोर हो उठे।
शाम को मंदिर परिसर फूलों की सजावट और भक्ति के रंग में सराबोर नजर आया। पंचबदन प्रतिमा को पंचगव्य स्नान कराने के बाद फूलों से अलंकृत किया गया। रात्रि में श्रृंगार आरती के समय बाबा विश्वनाथ की मनमोहक झांकी ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने बताया कि सावन पूर्णिमा पर यह झूलनोत्सव 351 वर्षों से अनवरत चला आ रहा है, जो काशी की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
लाखों श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, रक्षाबंधन पर बाबा को अर्पित की राखी
सावन पूर्णिमा के दिन मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। सुबह से ही बाबा के जलाभिषेक के लिए लंबी कतारें लगी रहीं। दूसरी ओर, रक्षाबंधन के अवसर पर स्थानीय महिलाओं ने बाबा विश्वनाथ के शिवलिंग पर फूल-माला के साथ राखी अर्पित कर अपनी भक्ति और श्रद्धा प्रकट की। बंगाली टोला की लता दास और उनकी सहेलियों ने बताया, “हम हर पर्व पर बाबा को प्रेम अर्पित करते हैं। होली पर रंग-अबीर और रक्षाबंधन पर राखी चढ़ाकर परिवार की रक्षा की प्रार्थना करते हैं।”
यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक उत्साह का प्रतीक रहा, बल्कि काशी की प्राचीन परंपराओं और भक्ति भाव को भी जीवंत करता रहा। मंदिर में दिनभर भजनों और भक्ति भजनों की गूंज के बीच श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर रहा।