वाराणसी, 1 नवंबर 2024, शुक्रवार। दीपावली का पर्व पूरे देश में बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह पर्व धन की देवी मां लक्ष्मी और गणपति बप्पा की आराधना के लिए विशेष महत्व रखता है। इस खास अवसर पर लोगों ने अपने घरों को दीपकों से सजाया, मां लक्ष्मी और गणपति की पूजा की और अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर जश्न मनाया। इस बार दो दिन अमावस्या तिथि पड़ने के कारण दीपावली को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति थी, तो वहीं बाबा विश्वनाथ संग काशीवासियों ने गुरुवार को धूमधाम के साथ दीपावली का उत्सव मनाया। इस मौके पर देश और विदेश से आए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। श्री काशी विश्वनाथ धाम में दीपावली के अवसर पर एक अभूतपूर्व दीप सज्जा और सनातन शास्त्रीय नवाचार का आयोजन किया गया। यह आयोजन शिव पुराण में वर्णित ज्योतिर्लिंग स्वरूप में प्रकाश स्तंभ के रूप में महादेव शिव की उत्पत्ति के अनुसार किया गया था, जिसमें यह कहा गया है कि ब्रह्मांड में ज्योति से प्रकाश की उत्पत्ति स्वयं महादेव शिव ने ज्योतिर्लिंग स्वरूप में की है।
श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन द्वारा विशिष्ट सज्जा के अतिरिक्त शास्त्रीय आराधना का आयोजन किया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी विश्वभूषण मिश्र ने सपरिवार याजक की भूमिका निभाई और श्री विश्वेश्वर मंदिर प्रांगण में स्थित श्री सत्यनारायण भगवान के मंदिर में महालक्ष्मी और गणपति की आराधना की। इस दीपोत्सव में सनातन समाज, राष्ट्र और विश्व के संपन्न और सुखी होने की कामना के साथ सनातन आराधना का आयोजन किया गया। भगवान विश्वनाथ की षोडशोपचार आराधना के पश्चात माता अन्नपूर्णा का पूजन किया गया और तत्पश्चात शुभ मुहूर्त विचार के अनुसार महालक्ष्मी गणपति की प्रकाश आराधना संपन्न कर प्रसाद वितरण किया गया।
इस आयोजन के दौरान, श्री काशी विश्वनाथ धाम के प्रांगण में एक अद्वितीय दीप सज्जा की गई, जिसमें हजारों दीपक जलाए गए। यह दीप सज्जा श्री काशी विश्वनाथ धाम की सुंदरता और भव्यता को और भी बढ़ा दिया। दीपों के उत्सव के साथ ही, श्री काशी विश्वनाथ धाम में दीपावली के अवसर पर एक विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जिसमें श्री काशी विश्वनाथ धाम के पुजारियों ने विशेष पूजा-अर्चना की।