पश्चिम बंगाल में चुनाव बाद हुई हिंसा से पीड़ित कई परिवार असम में शरण लिए हैं। इसी कड़ी में आज पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जदगीप धनखड़ असम के अगोमानी इलाके का दौरा किया और पीड़ित परिवारों से मुलाकात कर उन्हें संत्वाना दी । इस दौरान एक बुजुर्ग उनसे लिपटकर रोना लगा। एक बुजुर्ग राज्यपाल धनकड़ को पकड़कर रो रहा है। उसने राज्यपाल से हिंसा वाली कहानी बयां करते-करते रोने लगा। हालांकि राज्यपाल ने बुजुर्ग और पीड़ित परिवारों को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
शिविर में रहे लोगों ने दावा किया है कि उन्होंने दो मई को चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से बंगाल में अपने घर छोड़ दिए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि “तृणमूल कांग्रेस के गुंडों” ने उनके घरों में तोड़-फोड़ की। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल ने सड़क मार्ग से कूच बिहार से रनपगली में शिविर तक की यात्रा की और चुनाव बाद की हिंसा से कथित तौर पर प्रभावित लोगों से मुलाकात की।
बंगाल दोहरी चुनौती का कर रहा सामना
गौरतलब है कि गुरुवार को राज्यपाल जगदीप धनकड़ हिंसा के हालात का जायजा लेने के लिए कूच बिहार पहुंचे थे, सीतलकूची में उन्हें काले झंडे दिखाए गए और वापस जाओ के नारे लगाए गए। चुनाव बाद हिंसा से प्रभावित जिले के दौरे पर गए राज्यपाल धनखड़ ने कहा, ‘देश एक ओर कोविड की चुनौती से जूझ रहा है। वहीं पश्चिम बंगाल दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यह हिंसा केवल इस आधार पर हो रही है क्योंकि कुछ लोगों ने अपनी मर्जी से वोट डालने का फैसला लिया।’
राज्यपाल के दौरे पर राजनीति शुरू
राज्यपाल के दौरे पर सियासत भी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री ने बुधवार को उन्हें पत्र लिखकर दावा किया कि चुनाव बाद की हिंसा से प्रभावित कूच बिहार जिले का उनका दौरा नियमों का उल्लंघन करता है जबकि धनखड़ ने यह कहते हुए पलटवार किया कि वह संविधान के तहत अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं।