वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार ऑनलाइन मंचों पर आकर्षक फ्लैश सेल के खिलाफ नहीं है। हालांकि, हम ई-कॉमर्स कंपनियों की ओर से बाजार बिगाड़ने वाली कीमत और धोखाधड़ी के तरीके अपनाकर उपभोक्ताओं की पसंद पर ‘अंकुश’ लगाने के खिलाफ हैं।
उपभोक्ता मंत्रालय का भी जिम्मा संभालने वाले गोयल ने मंगलवार को कहा, उपभोक्ता फ्लैश सेल का लाभ उठाने के लिए ई-मार्केट प्लेस मंच से अक्सर सामान खरीदते हैं। लेकिन, ई-कॉमर्स कंपनियां अपनी पसंदीदा या प्रमोटेड इकाइयों से ही खरीदारी करने के लिए इन उपभोक्ताओं को बाध्य करती हैं। यह पूरी तरह धोखा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों के खिलाफ है।
गोयल ने एक कार्यक्रम में कहा, अगर कोई छूट देना चाहता है तो मैं शिकायत क्यों करूं। उपभोक्ताओं को अच्छी कीमत पर सौदा मिल रहा है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा, मेरी दो आपत्तियां हैं। पहली…उत्पादों की डंपिंग कर बाजार मूल्य बिगाड़ना। दूसरी…उपभोक्ताओं के लिए खरीदारी के विकल्प को सीमित करना है। इसलिए हम सिर्फ ई-कॉमर्स नीति के तहत उस धोखाधड़ी को रोकना चाहते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने चीन का उदाहरण देते हुए कहा, बहुत कम कीमत पर लंबे समय तक वस्तुएं डंप करने से घरेलू विनिर्माण खत्म हो जाता है। इसके बाद उपभोक्ताओं को ऊंचे दाम पर खरीदरी करनी पड़ती है।
ई-कॉमर्स कंपनियों को देश के एफडीआई नियमों का पालन करना ही होगा। ये कंपनियां उत्पादों को एकल ब्रांड मंच के रूप में बेच सकती हैं, इसमें समस्या नहीं है। लेकिन, आप अपने सिंगल ब्रांड रिटेल मॉडल के साथ मार्केट प्लेस मॉडल को नहीं मिला सकते।
मंत्री ने कहा, विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए भारत में कुछ अरब डॉलर निवेश करना और भारी नुकसान दर्ज करना कोई समस्या नहीं है। उनका मकसद किसी भी कीमत पर उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ाना है।