उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बशारतपुर निवासी विजय गुप्ता और उनके परिवारीजनों की खुशी का ठिकाना नहीं है। ठेले पर चाट बेचने वाले विजय गुप्ता के परिवार को यह खुशी उनके होनहार बेटे विवेक जायसवाल ने दी है। बेटे को इंजीनियर बनाने का सपना संजोए विजय दिन भर पसीना बहाते हैं। बेटे की पढ़ाई-लिखाई बाधित न हो इसके लिए वे कर्जदार हो गए। हालांकि सोमवार की शाम जब उन्हें यह मालूम हुआ कि उनका बेटा आईआईटी मेन परीक्षा में 99.91 परसेंटाइल ले आया तो वह खुशी से फफक पड़े। उन्होंने बेटे को गले से लगा लिया। विवेक की मां फूल देवी भाई धीरज भी उनसे लिपट गए।
विजय के परिवार में आई इस खुशी की चर्चा अब पूरे बशारतपुर में हो रही है। लोग यह कह रहे हैं कि विवेक जायसवाल ने इस सफलता को पाने के लिए जितनी मेहनत की है उससे कहीं ज्यादा त्याग उसके माता-पिता ने किया है। कड़ाके की ठंड हो या मूसलाधार बारिश। चिलचिलाती धूप की भी विजय जायसवाल ने कभी परवाह नहीं की। बस उनके दिल-व-दिमाग में एक ही बात रही कि बेटे को इंजीनियर बनाना है तो मेहनत करनी ही है। होनहार बेटे की जरूरतों को पूरी करने के लिए विजय ने सुबह देखी न शाम, बस काम करते रहे।
बशारतपुर निवासी विजय गुप्ता चाट का ठेला लगाकर परिवार का गुजारा करते हैं। उनके मेधावी बेटे विवेक कुमार गुप्ता ने जेईई परीक्षा में शानदार प्रदर्शन करते हुए 99.91 परसेंटाइल हासिल किया है। विवेक को हाईस्कूल में 95.6 प्रतिशत अंक मिले थे। बेहतर रिजल्ट से जितना खुश विवेक था, उससे कहीं ज्यादा खुश उसके पिता विजय गुप्ता थे। आर्थिक तंगी में भी बेटे को पढ़ाकर इंजीनियर बनाने की उनकी ख्वाहिश पूरी हुई है। बचपन में ही विवेक की मेधा को भांपकर पिता विजय ने उसे इंजीनियर बनाने की ठान ली। कर्ज लेते गए लेकिन विवेक की पढ़ाई में उन्होंने कोई बाधा नहीं आने दी। यहां तक की लाकडाउन के दौरान उनका धंधा भी चौपट हो गया लेकिन उसका असर उन्होंने बेटे की पढ़ाई पर नहीं पड़ने दिया। विवेक के बड़े भाई धीरज गुप्ता ने बताया कि पिता ने आर्थिक तंगी का असर विवेक पर नहीं पडऩे दिया। मां फूल कुमारी ने भी इसके लिए खूब त्याग किया। विवेक का कहना है कि उसका लक्ष्य आईआईटी में पढऩे का है। जेईई एडवांस की तैयारी कर रहा हूं।