गोरखपुर, 31 मार्च 2025, सोमवार: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में एक सनसनीखेज घटना ने सियासी हलचल मचा दी है। चौरी चौरा थाना क्षेत्र के शिवपुर चकदहा में हुए दिल दहला देने वाले दोहरे हत्याकांड के बाद रविवार शाम चार बजे समाजवादी पार्टी (सपा) के सुल्तानपुर सांसद राम भुआल निषाद पीड़ित परिजनों से मिलने पहुंचे थे। लेकिन उनकी यह कोशिश उलटी पड़ गई। नाराज ग्रामीणों ने सांसद और उनके सहयोगियों का कड़ा विरोध किया और “राम भुआल निषाद मुर्दाबाद” के नारे लगाते हुए उन्हें वापस लौटा दिया।
क्या हुआ घटनास्थल पर?
सांसद राम भुआल निषाद अपने समर्थकों के साथ पीड़ित परिवार को सांत्वना देने और शायद सियासी सहानुभूति बटोरने के इरादे से पहुंचे थे। लेकिन ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा। स्थानीय लोगों ने सपा सांसद पर तंज कसते हुए कहा, “यहां पहले कभी नहीं आए, अब हत्या हुई तो राजनीतिक रोटी सेकने चले आए।” नारेबाजी और विरोध के बीच सांसद को मजबूरन वापस लौटना पड़ा। ग्रामीणों का आरोप था कि सपा अपराधियों को संरक्षण देने वाली पार्टी है और इस घटना में भी उनकी भूमिका संदिग्ध है।
विधायक ने लगाए गंभीर आरोप
इस बीच, स्थानीय विधायक ने मामले को और गरम कर दिया। उन्होंने दावा किया कि हत्याकांड का आरोपी समाजवादी पार्टी का बूथ एजेंट है, जो लोकसभा और विधानसभा चुनावों में सपा के लिए मतदान करवाने में सक्रिय था। विधायक ने सपा पर हमला बोलते हुए कहा, “सपा का चाल, चरित्र और चेहरा यही है। यह अपराधियों की पार्टी है, जो सिर्फ सत्ता के लिए संवेदनशील मुद्दों का इस्तेमाल करती है।” इन आरोपों ने घटना को राजनीतिक रंग दे दिया और सपा की मुश्किलें बढ़ा दीं।
दोहरा हत्याकांड ने बढ़ाई हलचल
शिवपुर चकदहा में हुए इस दोहरे हत्याकांड ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। इस घटना ने न सिर्फ कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाए, बल्कि राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू कर दिया। जहां सपा सांसद अपनी मौजूदगी से पीड़ितों के प्रति संवेदना दिखाना चाहते थे, वहीं ग्रामीणों ने इसे महज दिखावा करार दिया।
जनता का गुस्सा और सियासी खेल
यह घटना एक बार फिर साबित करती है कि संकट के समय नेताओं की मौजूदगी को जनता किस नजर से देखती है। ग्रामीणों का मानना है कि सांसद का यह दौरा सिर्फ सियासी फायदा लेने की कोशिश थी। दूसरी ओर, विपक्षी दलों ने इसे मौके की नजाकत भांपते हुए सपा के खिलाफ हमला बोला है।
इस घटना ने गोरखपुर के सियासी माहौल को गरमा दिया है। सवाल यह है कि क्या सपा इस विवाद से उबर पाएगी, या यह घटना आने वाले दिनों में उसके लिए और बड़ी चुनौती बनकर उभरेगी? फिलहाल, ग्रामीणों का गुस्सा और “मुर्दाबाद” के नारे सपा के लिए खतरे की घंटी बजा रहे हैं।