वाराणसी,18 अक्टूबर 2024, शुक्रवार। काशी विश्वनाथ आने वाले श्रद्धालुओं को बाबा का सुगम दर्शन करना अब और सुगम होगा, क्योंकि न्यास परिषद ने टिकट के दाम 50 रुपये घटा दिए हैं। श्रद्धालुओं को पहले सुगम दर्शन के लिए 300 रुपए देने पड़ते थे। वहीं अब इसके लिए 250 रुपए ही देने होंगे। लेकिन उन्हें अंदर प्रसाद नहीं मिलेगा। प्रसाद अमूल काउंटर से ही खरीदना होगा। बाबा के भक्तों को महाप्रसादम् के लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी। श्रद्धालुओं को लड्डुओं की कीमत 100 की जगह 120 रुपये देनी पड़ेगी। इसके अलावा एक और बाध्यता है, अमूल कंपनी ने अभी तक 100 ग्राम या 400 ग्राम के प्रसाद के डिब्बे काउंटर पर नहीं उपलब्ध कराए हैं। पहले 100 ग्राम के डिब्बों में भी प्रसाद मिलता था। जब तक अमूल छोटे डिब्बों में प्रसाद नहीं उपलब्ध कराता, श्रद्धालुओं को 200 ग्राम प्रसाद ही लेना होगा।
धाम में खुला अमूल काउंटर
काशी विश्वनाथ न्यास परिषद ने बीते पांच वर्षों से प्रसाद बनाने वाली दो कंपनी महालक्ष्मी ट्रेडर्स और बेला पापड़ स्वयं समूह सहायता से कांटेक्ट खत्म कर अमूल कंपनी को महाप्रसादम बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है। न्यास ने परिसर में रखा हुआ सारा प्रसाद वापस भिजवा दिया गया। मंदिर न्यास ने कहा कि क्वालिटी बनाए रखने के लिए अब अमूल कंपनी द्वारा तैयार तंदुल महाप्रसादम् ही श्रद्धालुओं को मिलेगा। विद्वानों के मुताबिक धान भारतीय फसल है। इसका जिक्र पुराणों में है। भगवान कृष्ण और सुदामा के संवाद में भी चावल का जिक्र है। विद्वानों का कहना है कि भगवान भोले शंकर को चावल के आटे का भोग लगता था। बेल पत्र का महत्व है, इसलिए बाबा विश्वनाथ को चढ़ने वाले बेलपत्र को जुटाया गया। फिर इसे धुलकर साफ कराया गया। सूखने के बाद बेलपत्र का चूर्ण बनाया गया, फिर इसे प्रसादम में मिलाया गया है।
प्रसाद के अलावा मिल रहा अमूल का दूध
काशी विश्वनाथ मंदिर गंगा द्वार के पास अमूल कंपनी के काउंटर पर भक्तों के लिए उपलब्ध ‘तंदुल महाप्रसाद’ के साथ ही अमूल दूध का सेल काउंटर भी लगाया गया है। शिवलिंग पर चढ़ाने के लिए 10 रुपए में दूध उपलब्ध कराया जा रहा है।
चावल का आटा-बेलपत्र और ड्राई फ्रूट से बना लड्डू
तिरूपति मंदिर में प्रसादम में मिलावट के बाद पूरे देश में आक्रोश देखा गया। इसके बाद कई मंदिरों ने प्रसादम के रूप में बदलाव किया। इसी कड़ी मेंविश्वनाथ मंदिर का भी यह फ़ैसला माना जा रहा है। हालांकि न्यास परिषद का कहना है कि 10 महीने पहले ही इस व्यवस्था को लागू करने का एलान किया गया था और उसी कड़ी में नये प्रसादम की व्यवस्था की गई है। बाबा विश्वनाथ को चढ़ने वाले बेलपत्र, चावल का आटा और ड्राई फ्रूट मिलाकर तंदुल महा प्रसादम् तैयार किया जाता है। CEO विश्व भूषण मिश्रा ने कहा कि हमने वेद में पारंगत लोगों से गहन मंथन किया। भगवान शिव को चढ़ने वाले प्रसाद की क्वालिटी और इसमें मिलाए जाने वाली सामग्रियों पर विचार-विमर्श किया। तब विशेष तरह के लड्डुओं को तैयार किया गया।
दीपावली पर 4 दिन नहीं होंगी मंगला आरती, बुकिंग हाउसफुल
नवरात्रि और दीपावली को लेकर बाबा विश्वनाथ धाम में भक्तों की भारी भीड़ चल रही है। श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की मंगला आरती की ऑनलाइन बुकिंग दीपावली तक फुल है। कई-कई दिनों की वेटिंग चल रही है। सप्तऋषि आरती, शृंगार आरती और मध्याह्न भोग आरती में 15 से 20 दिनों की वेटिंग है। दीपावली के चार दिन बाद तक बाबा विश्वनाथ की मंगला आरती और छह दिन बाद तक सप्तऋषि आरती की ऑनलाइन बुकिंग नहीं हो पाएगी।