आज भारतीय बाजारों में सोने और चांदी की वायदा कीमत में गिरावट आई। एमसीएक्स पर सोना वायदा 0.4 फीसदी गिरकर 48,358 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया, जबकि चांदी वायदा 0.8 फीसदी गिरकर 71748 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई। पिछले चार दिनों में सोने की कीमत में यह तीसरी गिरावट है। हाल की गिरावट के बावजूद, बढ़ती मुद्रास्फीति की उम्मीदों और कई देशों में कोरोना वायरस के मामले बढ़ने पर चिंताओं के बीच सोना चार महीने के उच्च स्तर के करीब है। विश्लेषकों का कहना है कि इस सप्ताह क्रिप्टोकरेंसी में आई उतार-चढ़ाव ने निचले स्तर पर सोने का समर्थन किया है।
वैश्विक बाजार में इतनी है कीमत
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में सोना 0.2 फीसदी गिरकर 1,872.21 डॉलर प्रति औंस पर कारोबार कर रहा था। अन्य कीमती धातुओं में चांदी 0.1 फीसदी गिरकर 27.72 डॉलर प्रति औंस पर थी। प्लैटिनम 0.4 फीसदी ऊपर 1,200.57 डॉलर पर रहा। प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले डॉलर इंडेक्स 0.03 फीसदी गिरकर 89.770 पर था।
सोने की कीमत पर आधारित होते हैं स्वर्ण ईटीएफ
दुनिया की सबसे बड़ी गोल्ड समर्थित एक्सचेंज ट्रेडेड फंड या गोल्ड ईटीएफ, एसपीडीआर गोल्ड ट्रस्ट की होल्डिंग्स बुधवार के 1,031.27 टन के मुकाबले गुरुवार को 0.6 फीसदी बढ़कर 1,037.09 टन हो गई। स्वर्ण ईटीएफ सोने की कीमत पर आधारित होते हैं और उसके दाम में आने वाली घट-बढ़ पर ही इसका दाम भी घटता या बढ़ता है। मालूम हो कि ईटीएफ का प्रवाह सोने में कमजोर निवेशक रुचि को दर्शाता है। एक मजबूत डॉलर अन्य मुद्राओं के धारकों के लिए सोने को अधिक महंगा बनाता है।
सस्ते में सोना खरीदने का आखिरी दिन आज
सरकार ने जनता को सस्ती दरों पर सोना खरीदने का मौका दिया है। निवेशक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bond) योजना के तहत बाजार मूल्य से काफी कम दाम में सोना खरीद सकते हैं। यह योजना सिर्फ पांच दिन के लिए (17 मई से 21 मई तक) खुली है। यानी आज इसका आखिरी दिन है। योजना के तहत आप 4,777 रुपये प्रति ग्राम पर सोना खरीद सकते हैं। यानी अगर आप 10 ग्राम सोने खरीदते है तो उसकी कीमत 47,770 रुपये बैठती है। गोल्ड बॉन्ड की खरीद ऑनलाइन तरीके से की जाती है तो निवेशकों को 50 रुपये प्रति ग्राम की अतिरिक्त छूट मिलेगी। गोल्ड बॉन्ड की परिपक्वता अवधि आठ साल की होती है और इस पर सालाना 2.5 फीसदी का ब्याज मिलता है। बॉन्ड पर मिलने वाला ब्याज निवेशक के टैक्स स्लैब के अनुरूप कर योग्य होता है, लेकिन इस पर स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) नहीं होती है