12.1 C
Delhi
Wednesday, December 18, 2024

गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस ने 55वें आईएफएफआई में माँ काली के विश्व प्रीमियर की जमकर की तारीफ़!

IFFI का समापन हो चुका है, मगर कुछ बातों की चर्चा अभी भी आम है। IFFI के ऐसे ही चर्चा का विषय बना हुआ है फ़िल्म “माँ काली”। फ़िल्म की कहानी पश्चिम बंगाल की बदलती डेमोग्राफी और बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति को 1946 के डायरेक्ट एक्शन में हिंदू नरसंहार को जोड़ती है। फ़िल्म की पूरी कहानी आपको 3 घंटे तक बांधे रखती है और बताती है कि इतिहास के वो पन्ने जिन्हें आपसे छिपाया गया, दरअसल वो कितना भयावह और ख़ौफ़नाक था। फ़िल्म “माँ काली” प्रसिद्ध प्रोडक्शन हाउस और राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता 2022 की सुपरहिट फिल्म कार्तिकेय 2 के निर्माता, पीपल मीडिया फैक्ट्री की त्रिभाषी फिल्म है, जिसका 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (IFFI) में विश्व प्रीमियर हुआ था। फ़िल्म के प्रीमियर में गोवा के सीएम प्रमोद सावंत और बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस के साथ निर्माता वंदना प्रसाद, निर्देशक विजय येलकांति, मुख्य अभिनेता पूर्व आईएएस अभिषेक सिंह और गोवा पुलिस के डीजीपी आलोक कुमार आईपीएस शामिल हुए थे।
माँ काली जब प्रीमियर हुआ तो खचाखच भरे थिएटर में दर्शकों के साथ-साथ सम्मानित गणमान्य लोगों ने खड़े होकर तालियाँ बजाईं, और फिल्म की पूरी टीम की सराहना की। भारतीय इतिहास के मिटाए गए अध्याय पर आधारित, माँ काली बंगाल के अनकहे अध्यायों को उजागर करती है । इतिहास के पन्नों में छिपे उन कहानियों को पूरे फ़िल्म में बहुत ही प्रभावशाली रूप प्रदर्शित किया गया है । ख़ास बात ये है कि IFFI गोवा में “माँ काली “ की ये पहली स्क्रीनिंग थी । अभी तक फ़िल्म सिल्वर स्क्रीन पर नहीं आई है । कलकत्ता और नोआखली में हुए क्रूर नरसंहार की खूनी सच्चाई को उजागर करते हुए, माँ काली का उद्देश्य डायरेक्ट एक्शन डे के पीछे की सच्चाई को सामने लाना है, जिसके परिणामस्वरूप भारत का विभाजन हुआ।
माँ काली का सामाजिक-राजनीतिक रूप से प्रासंगिक विषय इसे वर्तमान समय की सबसे महत्वपूर्ण फिल्मों में से एक बनाता है। 1946 से लेकर आज के बांग्लादेश तक बंगाल में हिंदुओं के उत्पीड़न और सांप्रदायिक उथल-पुथल को दर्शाते हुए, माँ काली सीएए के महत्व और इसके कार्यान्वयन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालती है।
प्रीमियर पर, गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने फिल्म पर अपने विचार साझा करते हुए कहा था कि “माँ काली के विश्व प्रीमियर पर, मैं फिल्म की पूरी टीम के साथ-साथ फिल्म के पहले दर्शकों को भी बधाई देना चाहता हूँ। माँ काली भारत के विभाजन और डायरेक्ट एक्शन डे पर आधारित है, संयोग से, फिल्म का प्रीमियर 26 नवंबर को भारत के संविधान दिवस पर हुआ। हमारा देश 1947 में आजाद हुआ, कुछ सालों तक भारत और पाकिस्तान रहा, बाद में 1971 तक यह पाकिस्तान और बांग्लादेश बन गया, जबकि एक राष्ट्र तीन हिस्सों में बंट गया, हालांकि, केवल भारत ही संविधान में विश्वास करता है और उसे महत्व देता है। हम सभी बांग्लादेश के साथ-साथ पाकिस्तान के राजनीतिक माहौल की सामाजिक-राजनीतिक स्थितियों से अच्छी तरह वाकिफ हैं। दूसरी ओर, भारत अपने नागरिकों के विकास में विश्वास करता है और साथी नागरिकों के समर्थन और विश्वास पर टिका है। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने आगे कहा कि हाल ही उन्होंने बांग्लादेश का दौरा किया और अल्पसंख्यकों यानी हिंदुओं की भयावह स्थिति को खुद देखा है । माँ काली एक सच्ची कहानी पर आधारित है और बहुत कम लोगों में सच बोलने की हिम्मत होती है, इसलिए मैं फिल्म के निर्माताओं को धन्यवाद देना चाहूँगा। डायरेक्ट एक्शन डे हमारे देश के इतिहास का एक काला दिन है, जिसकी वजह से नरसंहार और भारत का विभाजन हुआ। आज, नागरिक संशोधन अधिनियम (सीएए) के साथ, हम उन अल्पसंख्यकों को भारत वापस लाने में सक्षम हैं। माननीय सीएम ने भी टीम की सराहना करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया।
IFFI फिल्म समारोह में फिल्म को मिली प्रतिक्रिया से अभिभूत, निर्देशक विजय येलकांति ने कहा, “माँ काली की पूरी टीम के लिए यह गर्व और संतोष का क्षण है कि न केवल IFFI में हमारी फिल्म प्रदर्शित हुई, बल्कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत और बंगाल के राज्यपाल आनंद बोस ने अपने बेहद महत्वपूर्ण शब्दों से फ़िल्म को सम्मानित भी किया। दर्शकों की गर्मजोशी भरी प्रतिक्रिया पूरे टीम के लिए बेहद उत्साहजनक रही है और पूरी टीम हम फिल्म के सिनेमाघरों में रिलीज़ होने का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं।”
आईएएस अधिकारी से अभिनेता बने अभिषेक सिंह ने कहा, “इस तरह के प्रतिष्ठित मंच पर हमारे प्रयासों को मान्यता और सराहना मिलना एक अवास्तविक एहसास है। माँ काली आज के समय में एक बहुत ही महत्वपूर्ण फिल्म है और हमें खुशी है कि दर्शकों ने भावनाओं को समझा और हमें अपना प्यार दिया।” विजय येलकांति द्वारा लिखित और निर्देशित, माँ काली का निर्माण टीजी विश्व प्रसाद द्वारा किया गया है, विवेक कुचिभोटला द्वारा सह-निर्मित और कार्तिकेय 2 पीपल मीडिया फैक्ट्री के निर्माताओं द्वारा प्रस्तुत किया गया है। अखिल भारतीय फिल्म हिंदी में शूट की गई है और 2025 में सिनेमाघरों में बंगाली और तेलुगु में भी रिलीज़ होगी।

Advertisement

spot_img

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

2,300FansLike
9,694FollowersFollow
19,500SubscribersSubscribe

Advertisement Section

- Advertisement -spot_imgspot_imgspot_img

Latest Articles

Translate »