गाजियाबाद, 19 जून 2025, गुरुवार: उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मुरादनगर थाना क्षेत्र में बुधवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना ने कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। मुरादनगर थाने के ठीक सामने 35 वर्षीय रवि शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह वारदात कार हटाने के मामूली विवाद से शुरू हुई, जो पहले मारपीट और फिर थाने के गेट पर ताबड़तोड़ गोलीबारी तक पहुंच गई। इस घटना ने पुलिस की कार्यप्रणाली और क्षेत्र में अपराधियों के बुलंद हौसलों को उजागर कर दिया है।
विवाद का आरंभ: कार हटाने से शुरू हुई कहानी
मिल्क रावली गांव निवासी रवि शर्मा, जो कीटनाशक (पेस्टीसाइड) के कारोबार से जुड़े थे, बुधवार रात करीब 10 बजे अपनी भतीजी को ऑटो में छोड़ने गए थे। इस दौरान सड़क किनारे खड़ी उनकी कार को हटाने को लेकर गांव के ही अजय चौधरी और मोंटी नामक व्यक्तियों के साथ उनकी कहासुनी हो गई। विवाद इतना बढ़ा कि आरोपियों ने रवि के घर पहुंचकर मारपीट की और उनके घर के गेट पर दो गोलियां दागीं। डरे-सहमे रवि ने तुरंत डायल 112 पर पुलिस को सूचना दी और अपने पिता रविंद्र शर्मा व भाई विकास शर्मा के साथ शिकायत दर्ज कराने मुरादनगर थाने पहुंचे।
थाने के गेट पर बरसीं गोलियां
परिजनों के अनुसार, रवि जब थाने के बाहर खड़े थे, तभी बाइक पर सवार अजय और मोंटी वहां पहुंचे। बिना किसी डर या हिचक के, आरोपियों ने थाने के मुख्य गेट पर ही रवि पर ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। रवि के सीने में चार से पांच गोलियां लगीं, जिससे वह लहूलुहान होकर जमीन पर गिर पड़े। परिजन उन्हें तुरंत मोदीनगर के निवोक अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। हैरानी की बात यह है कि यह पूरी वारदात थाने के सामने हुई, जहां पुलिसकर्मी मौजूद थे, लेकिन आरोपी आराम से फरार हो गए।
परिजनों का आक्रोश, पुलिस पर लापरवाही का आरोप
घटना के बाद रवि के परिजनों में गुस्सा और दुख का माहौल है। रवि के पिता रविंद्र शर्मा ने रोते हुए कहा, “हम शिकायत करने थाने आए थे, लेकिन वहीं मेरे बेटे को गोली मार दी गई। पुलिस ने पहले हमारी बात पर ध्यान दिया होता, तो मेरा बेटा आज जिंदा होता।” रवि के भाई विकास ने बताया, “हमने पुलिस को पहले ही फोन पर हमलावरों के बारे में बता दिया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।” परिजनों और ग्रामीणों ने रवि के शव को थाने के सामने रखकर प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई, एनकाउंटर और उनके घर पर बुलडोजर चलाने की मांग की।
पुलिस की कार्रवाई: तीन पुलिसकर्मी निलंबित
इस सनसनीखेज वारदात के बाद पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया। पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड़ ने तत्काल प्रभाव से मुरादनगर थाना प्रभारी शैलेंद्र सिंह तोमर, रात्रि ड्यूटी अधिकारी उपनिरीक्षक सूबे सिंह और स्थानीय चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक मोहित सिंह को लापरवाही के आरोप में निलंबित कर दिया। डीसीपी (देहात) रवि शंकर निम ने बताया कि तहरीर के आधार पर अजय चौधरी और मोंटी के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तीन पुलिस टीमें गठित की गई हैं।
आरोपी का आपराधिक इतिहास
पुलिस जांच में सामने आया है कि मुख्य आरोपी अजय चौधरी का आपराधिक इतिहास रहा है। छह महीने पहले उसे एक नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत जेल भेजा गया था। वह 15 दिन पहले ही जमानत पर जेल से छूटा था। पुलिस का मानना है कि पुरानी रंजिश और कार हटाने का विवाद इस हत्या का कारण बना।
कानून-व्यवस्था पर सवाल
इस घटना ने उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा, जो घटना के बाद मौके पर पहुंचे, ने कहा, “जब बदमाशों को पुलिस का डर ही नहीं रहा, तो आम जनता कहां जाए? अगर थाने के सामने हत्या हो सकती है, तो लोगों को अपनी सुरक्षा खुद करनी होगी।” सोशल मीडिया पर भी यह घटना तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल देखा जा सकता है।
पुलिस का दावा, जल्द होगी गिरफ्तारी
एडिशनल पुलिस कमिश्नर आलोक प्रियदर्शी ने बताया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें दबिश दे रही हैं और जल्द ही उन्हें पकड़ लिया जाएगा। पुलिस ने क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात कर स्थिति को नियंत्रित करने का दावा किया है।
यह घटना न केवल गाजियाबाद बल्कि पूरे प्रदेश में पुलिस की साख और अपराध नियंत्रण की स्थिति पर सवाल उठा रही है। लोग अब यह सवाल पूछ रहे हैं कि जब थाने के सामने ही कोई सुरक्षित नहीं, तो आम नागरिक अपनी सुरक्षा के लिए किस पर भरोसा करे?