वाराणसी, 18 मार्च 2025, मंगलवार। उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग ने वाराणसी के विभिन्न घाटों के विकास के लिए करीब 41.23 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को हरी झंडी दी है, जिनमें से 16 करोड़ रुपये की राशि अब तक जारी की जा चुकी है। यह जानकारी राज्य के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने साझा की। उनका कहना है कि इन कार्यों का मकसद देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक अनूठा अनुभव सुनिश्चित करना है। घाटों के जीर्णोद्धार से उनकी धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक खूबसूरती को संरक्षित रखते हुए आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
मंत्री के अनुसार, दशाश्वमेध घाट के नवीनीकरण और पर्यटन सुविधाओं के लिए 8.28 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं, जिसमें से 3 करोड़ रुपये जारी हो चुके हैं। गोला से नमो घाट तक पर्यटन सुविधाओं के लिए 6.18 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं, जिनमें 2.50 करोड़ रुपये दिए गए हैं। अस्सी से संत रविदास घाट तक के विकास के लिए 8.25 करोड़ रुपये तय किए गए हैं, जिसमें 3 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं।
इसी तरह, अस्सी घाट के पुनरोद्धार के लिए 6.21 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं, जिसमें 2.50 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। अस्सी घाट से दशाश्वमेध घाट तक के पूरे मार्ग पर पर्यटन सुविधाओं के विस्तार के लिए 6.15 करोड़ रुपये और दशाश्वमेध घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर घाट के बीच के घाटों के जीर्णोद्धार के लिए 6.16 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से प्रत्येक के लिए 2.50 करोड़ रुपये जारी हुए हैं।
जयवीर सिंह ने बताया कि इन परियोजनाओं के तहत घाटों पर आरती और पूजा के लिए स्थान, श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था, संपर्क मार्गों का उन्नयन, पत्थर की नक्काशी, साइनेज जैसी सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। अस्सी घाट पर एक शानदार वीआईपी मंडप भी बनाया जाएगा, जो विशिष्ट मेहमानों और श्रद्धालुओं के लिए खास सुविधा प्रदान करेगा।
उनका कहना है कि वाराणसी न केवल एक आध्यात्मिक केंद्र है, बल्कि वैश्विक पर्यटन के नक्शे पर भी अपनी खास जगह रखता है। ये विकास कार्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों को यादगार अनुभव देंगे। इससे न सिर्फ घाटों की भव्यता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय व्यापार, तीर्थ यात्रा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। इन ऐतिहासिक घाटों का नवीनीकरण वाराणसी की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को और समृद्ध बनाएगा।