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Tuesday, August 5, 2025

गहलोत बोले- मुख्यमंत्री का पद छोड़ने की सोचता हूं, लेकिन ये पद मुझे नहीं छोड़ रहा

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुरुवार को सीएम रेसिडेंस में ऑर्गन डोनेशन महादान अभियान और ऑर्गन ट्रांसप्लांट पर वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि मैं कई बार मुख्यमंत्री का पद छोड़ने की सोचता हूं, लेकिन मुख्यमंत्री का पद मुझे नहीं छोड़ रहा है

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने चिरंजीवी योजना के तहत हार्ट ट्रांसप्लांट कराने वाली अलवर की रहने वाली धौली देवी से संवाद किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं कई बार मुख्यमंत्री का पद छोड़ने का सोचता हूं, लेकिन यह मुझे नहीं छोड़ रहा। इतना सुनते ही वहां का माहौल हंसी-ठहाकों से गूंज उठा। धौली देवी ने कहा कि मैं यही कामना करती हूं कि आप ही मुख्यमंत्री रह जाएं। इस पर गहलोत बोले- आप तो कह रही हो कि मैं ही लगातार मुख्यमंत्री रहूं, मैं खुद भी यह कह रहा हूं कि मुख्यमंत्री पद मुझे छोड़ नहीं रहा। अब आगे देखते हैं क्या होता है?

RSS-BJP बैकग्राउंड के डॉक्टर हड़ताल के लिए न भड़काएं 
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैं डॉक्टर्स को एक ही बात कहता हूं। आप भगवान हो, एक ही बात का ध्यान रखो, बस हड़ताल मत करो। हड़ताल के अलावा कुछ भी कर लीजिए। आप सीएम हाउस पर धरना दे दीजिए, काली पट्टी बांध लीजिए, हम समझ जाएंगे। हड़ताल करने से मरीजों को दिक्कत होती है। उसकी जिम्मेदारी आपको लेनी होगी। आरएसएस, बीजेपी संगठन अपनी जगह हैं। मैं आरएसएस और बीजेपी बैकग्राउंड के डॉक्टरों से भी अपील करना चाहता हूं कि आप भड़काने का काम न करें। वहां पर आप ईश्वर का रूप ही रहो। आप इसकी जिम्मेदारी लीजिए कि हड़ताल नहीं हो, बाकी सब मुझ पर छोड़ दें। चाहे आपकी सैलरी हो या ग्रेड पे का मामला हो, जितनी भी सुविधाएं मेरी सरकार आपको दे रही है, उतनी कोई राज्य नहीं दे रहा है। 

राइट टू हेल्थ को लेकर गलतफहमी दूर
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दिनों राइट टू हेल्थ बिल को लेकर प्राइवेट सेक्टर के डॉक्टरों को गलतफहमी पैदा हो गई थी। अब मुझे खुशी है कि राइट टू हेल्थ को लेकर गलतफहमी दूर हो गई है। डॉक्टरों में भी कोई कांग्रेस-माइंडेड होता है, तो कोई बीजेपी-आरएसएस माइंडेड होता है। वो तमाम बातें डॉक्टर पद पर रहते छोड़ दो। वोट देते वक्त आप अपने हिसाब करते रहना। अभी आपको डॉक्टर के प्रोफेशन के हिसाब से मानवता को देखते हुए, उसे सामने रख कर काम करना चाहिए। मैंने अभी कर्मचारियों को ओपीएस दिया है, जो पूरे मानवीय दृष्टिकोण से दिया है। बुढ़ापे में सिक्योर लाइफ होनी चाहिए, उसी ढंग से मुझे सेवा करनी है, बाकी आप मुझ पर छोड़ दीजिए।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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