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Monday, March 31, 2025

गणगौर की धूम: राजस्थानी संस्कृति का भव्य उत्सव वाराणसी में

वाराणसी, 28 मार्च 2025, शुक्रवार। वाराणसी के महमूरगंज स्थित शुभम् लॉन में श्री गवरजा माता उत्सव समिति के तत्वावधान में आयोजित सिंघारा कार्यक्रम ने राजस्थानी और हरियाणवी संस्कृति की अनुपम छटा बिखेरी। इस अवसर पर लगभग दो सौ महिलाओं और बच्चों ने “गणगौर आपणी धरोहर” की मनमोहक प्रस्तुति से सभी का मन मोह लिया। यह आयोजन न केवल एक धार्मिक उत्सव था, बल्कि यह हमारी समृद्ध परंपराओं और संस्कृति का एक जीवंत प्रदर्शन भी बन गया।

सायंकाल पांच बजे दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस अवसर पर इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आर.के. चौधरी, अखिल भारतीय माहेश्वरी महासभा के राष्ट्रीय महामंत्री अजय काबरा सहित समिति के अध्यक्ष दीपक बजाज, मंत्री पवन कुमार अग्रवाल, संरक्षक उमा शंकर अग्रवाल, शंकर लाल सोमानी, पवन मोदी, बृजमोहन मूंदड़ा जैसे गणमान्य व्यक्तियों ने दीप जलाकर कार्यक्रम की शुरुआत की। इनके साथ ही राजस्थानी समाज के विभिन्न संगठनों के अध्यक्ष भी उपस्थित रहे।

अध्यक्ष दीपक बजाज ने अपने स्वागत भाषण में गणगौर पर्व की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि यह त्योहार केवल धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि राजस्थानी संस्कृति का एक ऐसा प्रतीक है जो प्रेम, श्रद्धा और प्रकृति के प्रति सम्मान को दर्शाता है। यह उत्सव खास तौर पर विवाहित महिलाओं और अविवाहित युवतियों के लिए विशेष महत्व रखता है, जो इसे पूरे उत्साह और भक्ति के साथ मनाती हैं। वहीं, मंत्री पवन कुमार अग्रवाल ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर विस्तार से बात की। सभी अतिथियों को अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया। संरक्षक उमा शंकर अग्रवाल और लोकेन्द्र करवा ने भी अपने विचार साझा किए, जबकि अतिथि आर.के. चौधरी और अजय काबरा ने समिति की 70 वर्षों से अधिक की इस भव्य परंपरा की सराहना की।

दीप प्रज्ज्वलन के बाद मंचासीन अतिथियों ने गणेश जी और माँ गणगौर को पुष्पांजलि अर्पित की। सह-संयोजिकाओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत यशस्वी सुरेका, भूमि अग्रवाल, आर्या तुलस्यान सहित अन्य बच्चों द्वारा गणेश वंदना से हुई। “गणपति बप्पा मोरया” के उद्घोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो उठा। इसके बाद “मैं तो जाऊली”, “जयपुरिए”, “देखुली गणगौर”, “घूमर घूमर बाईसा” जैसे पारंपरिक गीतों और नृत्यों की शानदार प्रस्तुति हुई। श्वेता अग्रवाल, स्वाती, गरिमा, सलोनी सहित लगभग दो सौ प्रतिभागियों ने कालबेलिया, कठपुतली और अन्य लोक नृत्यों से दर्शकों का दिल जीत लिया। सभी प्रतिभागियों को समिति द्वारा पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम का संचालन पवन कुमार अग्रवाल, श्रद्धा अग्रवाल, रितू धूत, प्रीति खेमका और प्रीति मंत्री ने कुशलता से किया। धन्यवाद ज्ञापन अजय खेमका ने दिया। संयोजन में महेश चौधरी, गौरव राठी, कृष्ण कुमार काबरा सहित कई अन्य सदस्यों का योगदान रहा। यह आयोजन न केवल एक सांस्कृतिक समारोह था, बल्कि यह हमारी धरोहर को संजोने और आपसी प्रेम को बढ़ाने का एक खूबसूरत प्रयास भी साबित हुआ।

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