वाराणसी, 2 जुलाई 2025: काशी की जीवनरेखा गंगा अब रौद्र रूप में है। बीते 36 घंटों में गंगा का जलस्तर 2.63 मीटर बढ़कर 61.95 मीटर तक पहुंच गया, जो हर घंटे औसतन 5 सेंटीमीटर की रफ्तार से उफान ले रहा है। मंगलवार सुबह 6 बजे 59.32 मीटर पर रहा जलस्तर बुधवार शाम 4 बजे तक खतरनाक स्तर की ओर बढ़ चुका है। हालांकि, यह अभी चेतावनी बिंदु से 8.31 मीटर नीचे है, लेकिन घाटों और मंदिरों पर पानी का कहर साफ दिख रहा है।
घाटों का संपर्क टूटा, मंदिर डूबे
अस्सी, केदार, पंचगंगा, दरभंगा, ललिता और मान सिंह जैसे प्रमुख घाटों की सीढ़ियां गंगा के गर्जन में समा चुकी हैं। तुलसी घाट के पास की मिट्टी और अस्सी घाट के सामने रेत के टीले गंगा की तेज धारा में विलीन हो गए हैं। घाटों के बीच आवागमन का रास्ता बाधित होने की कगार पर है। छोटे-बड़े मंदिरों में पानी घुसने से पूजा-अर्चना प्रभावित हो रही है।
नाविकों की बढ़ी मुश्किलें
गंगा में बहकर आए शैवालों ने नौकायन को जोखिम भरा बना दिया है। नाविक रात-रात भर अपनी नावों की रखवाली में जुटे हैं। घाट किनारे खड़ी नावों और बजड़ों को पीछे खिसकाने की कवायद तेज है। नाविक रामलखन ने बताया, “पानी का बहाव इतना तेज है कि नावों को बांधना मुश्किल हो रहा है।”
प्रशासन का अलर्ट, एनडीआरएफ तैयार
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बाढ़ की स्थिति पर हाई-लेवल बैठक हुई। सभी विभागों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। एनडीआरएफ की 11वीं बटालियन पूरी तरह तैयार है, और वाराणसी से लेकर यूपी के 42 जिलों तक राहत-बचाव अभियान के लिए अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने नाविकों और घाट किनारे रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी है।
नागरिकों से सावधानी की अपील
प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि जलस्तर बढ़ने की स्थिति में घाटों पर अनावश्यक न जाएं। बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा का विशेष ध्यान रखने को कहा गया है। गंगा का उफान काशीवासियों के लिए चिंता का सबब बन रहा है, और आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर होने की आशंका जताई जा रही है। स्थानीय निवासी रामू यादव ने कहा, “गंगा मइया का ये रूप डराने वाला है। प्रशासन को जल्द कदम उठाने होंगे।”