पुरानी कहावत है, सारे तीर्थ बार-बार, गंगा सागर एक बार। लेकिन अब धीरे-धीरे यह कहावत पुरनी हो रही है। श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की दिक्कत नहीं हो, उसे ध्यान में रखते हुए, इस बार गंगा सागर मेला को हाईटेक किया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को ड्रोन और सीसीटीवी से कवर किया गया है। जहाजों की निगरानी के लिए अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। इस बीच, देश और दुनिया से लाखों श्रद्धालु मकर संक्रांति के दिन डूबकी लगाने के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के सागर द्वीप स्थित गंगा सागर पहुंचने लगे हैं। मेला 16 तक चलेगा। शुक्रवार को दो महिला श्रद्धालुओं को एयरलिफ्ट किया गया।
पिछले साल घने कोहरे के कारण जहाजों की आवाजाही में थोड़ी दिक्कत हुई थी। इस साल जहाजों में एंटी फॉग लाइट और नेविगेशन साउंड सिस्टम लगाया गया है। इसरो उपग्रह ट्रैकिंग और जीपीएस ट्रैकिंग प्रदान कर रहा है। जिन जलमार्गों पर जहाजों का आवागमन होता है,वहां विभिन्न छोटी नावों में यह ध्वनि प्रणाली और विशेष प्रकाश व्यवस्था होगी। इसके जरिए जहाज चालक घने कोहरे में भी सही दिशा निर्धारित कर सकते हैं। इससे यात्रा निर्बाध होगी। इसके साथ ही पुलिस, 1,150 सीसीटीवी और 23 ड्रोन से निगरानी करेगी।
गंगासागर मेला परिसर में मेगा कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है। उस कंट्रोल रूम से पूरे मेले पर नजर रखी जाएगी। गंगासागर मेले के चारों ओर सुरक्षा क्षेत्र बनाया गया है। यह है धार्मिक महत्व, कपिल मुनि आश्रम में लगी लंबी कतारें मकर संक्रांति पर गंगा सागर में स्नान को लेकर पौराणिक महत्व है। पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता गंगा भगवान शिव की जटा से निकलकर पृथ्वी पर पहुंची थीं तब वह भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम में जाकर सागर में मिल गई थीं, वह दिन संक्रांति का दिन था।
मां गंगा के पावन जल से राजा सागर के साठ हजार शापग्रस्त पुत्रों का उद्धार हुआ था। इस घटना की याद में तीर्थ गंगा सागर का नाम प्रसिद्ध हुआ। पिछले कई
दिनों से कपिल मुनि आश्रम में भक्तों की लंबी-लंबी कतारें देखने को मिल रही है।
शुक्रवार को बिहार और पश्चिम बंगाल की दो महिला श्रद्धुओं को एयरलिफ्ट किया गया। पवित्र स्नान करने पहुंची बिहार के सीतामढ़ी निवासी सुमित्रा देवी की तबीयत अचानक खराब हो गई। पहले तो यहां पर मौजूद डाक्टरों की टीम ने उनका इलाज किया और बाद में उनको एयरलिफ्ट करने का फैसला किया। इसी तरह से महिला तीर्थयात्री पश्चिम बंगाल की दुर्गापुर निवासी स्वप्ना मुखर्जी जो तबीयत खराब होने से एयरलिफ्ट किया गया।