वाराणसी। जीवनदायिनी गंगा के रौद्र रूप से लोग सहमे हुए हैं। तो वहीं, मां गंगा काशी विश्वनाथ के पांव पखारने को आतुर है। घाटों से आगे निकल चुकी गंगा की धाराएं अब गलियों और सड़कों पर लहरा रही हैं। पानी खतरे के निशान 71.26 से 46 सेंटीमीटर नीचे बह रहा है। पानी का फैलाव तटवर्ती क्षेत्रों में क्षैतिज होने से जलस्तर में वृद्धि की दर घटकर आधा सेमी प्रति घंटा रह गई है। फिर भी गंगा में बाढ़ और वरुणा में पलट प्रवाह से तटीय क्षेत्रों में स्थिति विकट हो चली है। सोमवार को पानी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर तक पहुंच गया। मणिकर्णिका घाट और अस्सी की गलियों में कमर तक पानी भर जाने से नावें चलने लगी हैं। मकान और दुकानों में पानी घुस गया है। वहीं, वरुणा में पलट प्रवाह से चौकाघाट, नदेसर, शास्त्री पुल, पीडब्ल्यूडी के पीछे व सारनाथ क्षेत्र के कई मोहल्लों में नालों से पहुंचे पानी ने संकट खड़ा कर दिया है। बाढ़ से सदर तहसील के कुल आठ वार्ड व पांच गांव प्रभावित हैं। 4461 लोग बाढ़ की विभीषिका झेल रहे हैं तो 299 परिवार के 1601 लोगों ने घर छोड़कर राहत शिविरों में शरण ली है।
आज रात तक जलस्तर स्थिर होने के संकेत
केंद्रीय जल आयोग के अनुसार दिन में तीन सेंमी प्रति घंटे की रफ्तार से हो रहा बढ़ाव शाम को दो घंटे में एक सेमी हो गया। राजघाट स्थित मीटर गेज पर रात आठ बजे गंगा का जलस्तर 70.78 मीटर रहा। यह चेतावनी बिंदु 70.262 से 52 सेंमी ऊपर और खतरा निशान 71.262 से 48 सेंमी नीचे है। प्रयागराज में घटाव होने से अनुमान है कि मंगलवार रात तक यहां भी जलस्तर स्थिर हो जाए।
जनपद में 42 राहत शिविर किए गए स्थापित, 14 क्रियाशील
जनपद में बाढ़ की स्थिति को देखते हुए कुल 46 बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए गए हैं जिनमे से 14 शिविर क्रियाशील हो गए हैं। बचाव को 22 नावें लगाई गई हैं।
आपात स्थिति में सहायता के लिए इन नंबरों पर करें फोन
जिले में बाढ़ कंट्रोल रूम को 24 घंटे के लिए क्रियाशील कर दिया गया है। प्रशासन ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। आपात स्थिति में 0542-2508550, 0542-2504170, 9140037137 नंबरों पर फोन किया जा सकता है।