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Saturday, June 28, 2025

गगनयान मिशन: इसरो ने की पूरी तैयारी, कल पहली परीक्षण उड़ान भरेगा टीवी-डी1

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने अपने गगनयान मिशन को लेकर लगभग तैयारियां पूरी कर ली है। गगनयान मिशन के तहत टीवी-डी1 अपने पहली परीक्षण के लिए 21 अक्तूबर यानी कल उड़ान भरेगा। जिसे सुबह आठ बजे श्रीहरिकोटा से भेजा जाएगा। इससे ही मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम गगनयान को पंख लग जाएंगे। 

कार्यक्रम से जुड़े जानकारों के मुताबिक, पहले परीक्षण उड़ान के नतीजों के आधार पर अन्य परीक्षण किए जाएंगे। इस दौरान क्रू मॉड्यूल को परखा जाएगा। जिसमें क्रू एस्केप प्रणाली भी शामिल है। बता दें कि गगनयान का यह हिस्सा तीन भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में ले जाने में इस्तेमाल किया जाएगा।

इंसान को अंतरिक्ष में भेजना
इसरो का लक्ष्य तीन दिवसीय गगनयान मिशन के लिए 400 किलोमीटर की लो अर्थ ऑर्बिट पर मानव को अंतरिक्ष में भेजना और उन्हें सुरक्षित पृथ्वी पर वापस लाना है।

वापसी में बंगाल की खाड़ी में उतारा जाएगा मॉड्यूल

यह परीक्षण श्री हरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा। इसमें क्रू मॉड्यूल की उड़ान, उसे वापस उतारने और समुद्र से रिकवर करने की प्रक्रियाएं शामिल होंगी। मॉड्यूल को वापसी में बंगाल की खाड़ी में उतारा जाना है। जिसे भारतीय नौसेना द्वारा रिकवर किया जाएगा। इसके के लिए नौसैनिकों का एक गोताखोर दल बनाया गया है। साथ ही मिशन के लिए एक जहाज को भी तैयार किया जाएगा। चंद्रयान-3 की सफल सॉफ्ट लैंडिंग और सूर्य के लिए आदित्य-एल1 के सफल प्रक्षेपण के बाद गगनयान मिशन भारत को खगोल विज्ञान पर काम कर रहे अग्रणी देशों में शामिल करेगा।

क्रू-एस्केप से बचेगा जीवन

इसरो के मुताबिक, फ्लाइट टेस्ट व्हीकल अबॉर्ट मिशन1 की तैयारियां पूरी हो गई हैं। मिशन में किसी अनहोनी की दशा में अंतरिक्ष यात्रियों को बचाने में यह क्रू-एस्केप प्रणाली काम आएगी। उड़ान भरते समय अगर मिशन में गड़बड़ी हुई तो यह प्रणाली क्रू मॉड्यूल के साथ यान से अलग हो जाएगा, कुछ समय उड़ेगा और श्रीहरिकोटा से 10 किमी दूर समुद्र में उतरेगी। इसमें मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों को नौसेना की ओर से समुद्र से सुरक्षित वापस लाया जाएगा। 

इतनी है लंबाई

टीवी-डी1 वाहन एक विकास इंजन का उपयोग करता है, जिसके अगले सिरे पर क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम लगा होता है। वाहन की लंबाई 34.9 मीटर है, जबकि इसका भार 44 टन है।

अगले साल भेजा जा सकता है गगनयान

गगनयान भारत का पहला अंतरिक्ष मिशन है, इसे अगले साल के आखिर या 2025 की शुरुआत तक भेजा जा सकता है। 2024 में मानव रहित परीक्षण उड़ान होगी, जिसमें एक व्योममित्र रोबोट भेजा जाएगा।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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