नई दिल्ली, 14 अप्रैल 2025, सोमवार। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) लोन फ्रॉड मामले में भारत का मोस्ट वॉन्टेड भगोड़ा मेहुल चोकसी आखिरकार कानून के शिकंजे में आ ही गया। 11 अप्रैल, 2025 को बेल्जियम पुलिस ने उसे धर दबोचा। यह सनसनीखेज गिरफ्तारी भारतीय जांच एजेंसियों—सीबीआई और ईडी—के अनुरोध पर हुई, जिन्होंने चोकसी के ठिकाने का पता लगाकर बेल्जियम प्रशासन के साथ मिलकर यह कार्रवाई की।
13,500 करोड़ रुपये के बैंक लोन फ्रॉड और 14,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के PNB घोटाले का मास्टरमाइंड चोकसी लंबे समय से भारत से फरार था। पहले एंटीगुआ और बारबुडा, फिर बेल्जियम—वह लगातार अपनी लोकेशन बदलकर प्रत्यर्पण से बचने की जुगत में था। खबरों के मुताबिक, उसने बेल्जियम के एंटवर्प में ‘F रेजिडेंसी कार्ड’ हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेजों का सहारा लिया। इतना ही नहीं, वह अपनी पत्नी प्रीति चोकसी, जो बेल्जियम की नागरिक है, के साथ वहां छिपकर नई जिंदगी शुरू करने की फिराक में था।
लेकिन चोकसी का यह खेल ज्यादा दिन नहीं चला। सूत्रों की मानें तो वह अब जेल की सलाखों के पीछे है और प्रत्यर्पण से बचने के लिए फिर से नया पैंतरा आजमा रहा है। उसने खराब सेहत और कैंसर के इलाज का हवाला देते हुए स्विट्जरलैंड भागने की योजना बनाई थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों की पैनी नजर ने उसे रोक लिया। अब वह जमानत और रिहाई की गुहार लगाने की तैयारी में है।
चोकसी की कहानी किसी थ्रिलर फिल्म से कम नहीं। गीतांजलि ग्रुप का मालिक, जिसने कभी भारत में रिटेल जूलरी की दुनिया में तहलका मचाया, आज अपने ही बनाए जाल में फंस चुका है। मुंबई की अदालत ने उसके खिलाफ 2018 और 2021 में दो ओपन-एंडेड गिरफ्तारी वारंट जारी किए थे। उसके भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर किए गए PNB घोटाले ने न सिर्फ बैंकिंग सिस्टम को हिलाकर रख दिया, बल्कि देश की जनता का भरोसा भी तोड़ा।
अब सवाल यह है कि क्या चोकसी का प्रत्यर्पण हो पाएगा? क्या वह फिर कोई नया हथकंडा अपनाएगा? भारतीय एजेंसियां और बेल्जियम प्रशासन इस बार कोई ढील देने के मूड में नहीं दिखते। चोकसी की यह गिरफ्तारी न सिर्फ एक बड़ी कामयाबी है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि चाहे कितना भी छिपने की कोशिश कर लो, कानून का लंबा हाथ आखिरकार गले तक पहुंच ही जाता है।