लखनऊ, 12 मई 2025, सोमवार। भारत की सियासत में एक बार फिर हलचल मच गई है। कांग्रेस नेता और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ वाराणसी से लेकर लखनऊ तक कानूनी शिकंजा कसता दिख रहा है। ताजा मामला वाराणसी का है, जहां एक वकील ने राहुल पर भगवान श्रीराम के खिलाफ विवादित टिप्पणी का आरोप लगाते हुए कोर्ट में शिकायत दर्ज की है। दूसरी ओर, लखनऊ हाईकोर्ट में उनकी नागरिकता रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर हुई है।
वाराणसी: राम के नाम पर विवाद
वाराणसी, जो भगवान राम की नगरी अयोध्या से सांस्कृतिक रूप से जुड़ा है, वहां राहुल गांधी के खिलाफ एक नया कानूनी मोर्चा खुला है। वकील हरीशंकर पांडेय ने जिला एवं सत्र न्यायालय की MP-MLA कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया है कि राहुल गांधी ने अमेरिका के बोस्टन में भगवान राम को लेकर आपत्तिजनक बयान दिए। यह घटना 21 अप्रैल की बताई जा रही है, जब राहुल ब्राउन यूनिवर्सिटी में छात्रों से रूबरू हुए थे।
याचिका के मुताबिक, राहुल ने भगवान राम को ‘पौराणिक’ करार देते हुए रामायण की कहानियों को ‘काल्पनिक’ बताया। वकील पांडेय ने इसे ‘राम द्रोही’ कृत्य करार देते हुए कहा कि राहुल ने देश की आस्था और भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने कोर्ट से मांग की है कि राहुल के खिलाफ इस बयान के लिए आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख मुकर्रर की है, जब वकील को अपने दावों के समर्थन में साक्ष्य पेश करने होंगे।
इस सेशन में राहुल से सवाल पूछा गया था कि हिंदू राष्ट्रवाद के दौर में धर्मनिरपेक्ष राजनीति की क्या भूमिका होनी चाहिए और क्या महात्मा गांधी के विचारों को इसका जवाब बनाया जा सकता है? जवाब में राहुल ने कहा कि भारत के महान सुधारक और विचारक जैसे बुद्ध, गुरु नानक, गांधी और अंबेडकर सहिष्णुता और समानता के प्रतीक थे। उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका दृष्टिकोण हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व नहीं करता, बल्कि नफरत को बढ़ावा देता है। लेकिन इस जवाब में भगवान राम को लेकर की गई टिप्पणी ने विवाद को जन्म दे दिया।
लखनऊ: नागरिकता पर सवाल
उधर, लखनऊ हाईकोर्ट में राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता को लेकर एक और याचिका ने सियासी हलकों में खलबली मचा दी है। कर्नाटक बीजेपी के सदस्य एस. विग्नेश शिशिर ने जनहित याचिका दायर कर राहुल की नागरिकता तत्काल रद्द करने की मांग की है। याचिकाकर्ता का दावा है कि यूनाइटेड किंगडम, वियतनाम और उज्बेकिस्तान की सरकारों से मिली हालिया रिपोर्ट्स और सबूतों के आधार पर राहुल ने भारतीय नागरिकता के नियमों का उल्लंघन किया है।
याचिका में आरोप है कि राहुल ने कथित तौर पर विदेशी नागरिकता और गतिविधियों से जुड़े दस्तावेजों के जरिए भारतीय पासपोर्ट के लिए गलत जानकारी दी। याचिकाकर्ता ने पासपोर्ट अधिनियम, 1967 की धारा 12 के तहत राहुल के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की है। साथ ही, यह भी दावा किया गया है कि गृह मंत्रालय ने तीन देशों से इस मामले में जानकारी मांगी थी, और अब वह अंतिम निर्णय की प्रक्रिया में है। याचिका के साथ वीडियो, फोटो और अन्य दस्तावेज जैसे सबूत भी गृह मंत्रालय को सौंपे गए हैं।