लखनऊ, 26 फरवरी 2025, बुधवार। उत्तर प्रदेश की पहचान में बदलाव आया है, जो पहले ताज महल और फतेहपुर सिकरी जैसी जगहों से जुड़ी हुई थी, अब यह प्रयागराज महाकुंभ, अयोध्या राम मंदिर और काशी कॉरिडोर जैसी जगहों से जुड़ी हुई है। यह बदलाव उत्तर प्रदेश की नई दिशा को दर्शाता है, जो अपने सनातन संस्कारों और परंपराओं को फिर से जीवित करने की कोशिश कर रहा है। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद से यह बदलाव और भी तेजी से हुआ है। 65 करोड़ लोग कुंभ स्नान में शामिल हुए, जो एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है। कुंभ में स्नान करना भारतीयों की सदियों से चली आ रही परंपरा है, और यह बदलाव उत्तर प्रदेश की नई पहचान को दर्शाता है।
इस बदलाव के पीछे एक महत्वपूर्ण कारण यह है कि उत्तर प्रदेश की सरकार ने अपने सनातन संस्कारों और परंपराओं को फिर से जीवित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम यह है कि सरकार ने कुंभ स्नान को एक बड़े आयोजन के रूप में मनाने का फैसला किया। इस आयोजन में लाखों लोग शामिल हुए, और यह एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है। कुंभ स्नान के अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए भी कई कदम उठाए हैं। यह मंदिर भगवान राम के जन्मस्थान पर बनाया जा रहा है, और यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल होगा।
इसके अलावा, उत्तर प्रदेश सरकार ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के विकास के लिए भी कई कदम उठाए हैं। यह कॉरिडोर भगवान शिव के मंदिरों को जोड़ने के लिए बनाया जा रहा है, और यह एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल होगा। इन सभी कदमों से यह स्पष्ट होता है कि उत्तर प्रदेश सरकार अपने सनातन संस्कारों और परंपराओं को फिर से जीवित करने के लिए कई कदम उठा रही है। यह बदलाव उत्तर प्रदेश की नई पहचान को दर्शाता है, और यह एक नए युग की शुरुआत को दर्शाता है।