✍️ विकास यादव
वाराणसी, 26 मार्च 2025, बुधवार। वाराणसी के मशहूर उद्योगपति दीनानाथ झुनझुनवाला का नाम एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार वजह है बिजली चोरी का पुराना मामला, जिसमें कोर्ट ने उन्हें दोषी ठहराया है। 94 साल के इस बुजुर्ग बिजनेसमैन को विशेष न्यायाधीश संध्या श्रीवास्तव ने 17 साल पुराने केस में फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि झुनझुनवाला ने करीब 99 लाख रुपये की बिजली चोरी की। हालांकि, उनकी उम्र और कमजोर स्वास्थ्य को देखते हुए जेल की सजा नहीं दी गई। इसके बजाय, उन पर लगभग 3 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना ठोका गया है। अगर यह राशि नहीं चुकाई गई, तो उन्हें दो साल तक सलाखों के पीछे रहना पड़ेगा।
2007 में शुरू हुई थी कहानी
यह मामला साल 2007 का है, जब नगरी विद्युत वितरण खंड के तत्कालीन जूनियर इंजीनियर संकट हरण सिंह ने झुनझुनवाला की आशापुर स्थित तेल मिल में छापा मारा था। जांच में पता चला कि 200 केवीए की स्वीकृत बिजली क्षमता के बावजूद, मिल में बड़े पैमाने पर बिजली की चोरी हो रही थी। एमआरआई रिपोर्ट ने इस गड़बड़ी को पकड़ लिया, जिससे बिजली निगम को लाखों का नुकसान हुआ। इसके बाद सारनाथ थाने में मुकदमा दर्ज हुआ, जो अब जाकर अपने अंजाम तक पहुंचा।
ED की छापेमारी और बैंक फ्रॉड का भी है कनेक्शन
दीनानाथ झुनझुनवाला का नाम सिर्फ बिजली चोरी तक सीमित नहीं है। पिछले 9 महीनों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। वाराणसी से लेकर 7 राज्यों में उनके 10 ठिकानों पर छापेमारी हुई। दरअसल, 2019 में सीबीआई ने उनके खिलाफ 1000 करोड़ रुपये के बैंक फ्रॉड का मामला दर्ज किया था। इसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग की जांच में ED भी कूद पड़ा। छापेमारी में लैपटॉप, फाइलें और कई अहम दस्तावेज जब्त किए गए। यह सब उस शख्स के लिए, जो कभी सड़कों पर कपड़े बेचकर गुजारा करता था।
फेरीवाले से ‘झूला’ ब्रांड तक का सफर
दीनानाथ की जिंदगी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं। बिहार के भागलपुर में जन्मे इस शख्स ने वाराणसी के BHU से पढ़ाई की और फेरी लगाकर कपड़े बेचने से अपने करियर की शुरुआत की। मेहनत रंग लाई और उन्होंने जौनपुर में वनस्पति तेल की फैक्ट्री शुरू की। 1989 में ‘वनस्पति लिमिटेड’ के नाम से शुरू हुई यह कंपनी बाद में ‘जेवीएल एग्रो इंडस्ट्रीज’ बन गई। ‘झूला’ ब्रांड का तेल यूपी-बिहार में घर-घर मशहूर हुआ। धीरे-धीरे उनका कारोबार विदेशों तक फैल गया—इंडोनेशिया, मलेशिया और श्रीलंका जैसे देशों में भी उनकी पहुंच बनी।
परिवार और कारोबार का बंटवारा
90 साल के दीनानाथ की पत्नी किशोरी देवी 87 साल की हैं। उनके तीन बेटों में से एक की मौत हो चुकी है। बड़ा बेटा सत्यनारायण कारोबार की बागडोर संभालता है, जबकि दूसरा बेटा अपने पिता और भाई से अलग हो चुका है। वह वाराणसी के सारनाथ में रहकर अपना अलग धंधा चलाता है। तीसरे बेटे को कैंसर ने छीन लिया, वहीं उनकी तीन बेटियां शादीशुदा हैं और ससुराल में रहती हैं।
दीनानाथ झुनझुनवाला की जिंदगी मेहनत, सफलता और विवादों का अनोखा मिश्रण है। एक तरफ उन्होंने अपने दम पर कारोबारी साम्राज्य खड़ा किया, तो दूसरी तरफ कानूनी पचड़ों ने उनकी छवि को धक्का पहुंचाया। अब कोर्ट का यह फैसला उनके जीवन के इस अध्याय में नया मोड़ लाया है।