वाराणसी, 28 जून 2025: शहर की चमचमाती आभूषण दुकान ‘चंद्रा ज्वैलर्स’ की चकाचौंध के पीछे छिपा था अपराध का काला साम्राज्य! कमिश्नरेट पुलिस ने पांच साल बाद माफिया चार्ट में नया नाम जोड़ा है। दुकान के मालिक प्रशांत सिंह गहरवार को खूंखार गैंगस्टर घोषित किया गया है, जबकि उनके दो भाई—कृष्णा सिंह और आकाशदीप सिंह भी चार्जशीटेड हैं।
नकली सोने का खेल, करोड़ों की ठगी
कैंट थाना क्षेत्र में स्थित ‘चंद्रा आभूषण भंडार’ की आड़ में यह गैंग लंबे समय से नकली सोना बेचकर ग्राहकों को ठग रहा था। पुलिस के अनुसार, प्रशांत के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट समेत 11 मुकदमे दर्ज हैं। अर्दली बाजार में सैकड़ों ग्राहकों को नकली आभूषण बेचकर इस गिरोह ने करोड़ों रुपये की ठगी की। नकली रसीदें, जाली सोना और धमकियों का जाल—यह था इनका असली कारोबार!
महिला सिपाही को भी नहीं बख्शा
सनसनीखेज खुलासे में एक महिला सिपाही कल्पना सिंह ने 2023 में शिकायत दर्ज की थी कि उन्हें 17.94 ग्राम की नकली सोने की चेन और 2.80 ग्राम की जाली अंगूठी बेची गई। शिकायत करने पर प्रशांत ने उन्हें गालियां दीं और धमकाया। हालांकि, बाद में आभूषण बदला गया, लेकिन इस मामले ने ठगी के पूरे रैकेट को उजागर कर दिया।
गैंग चार्ट में शामिल, जेल की सलाखों में कैद
प्रशांत और उनके दोनों भाई फिलहाल जेल में बंद हैं। पुलिस गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश में जुटी है और गैंग चार्ट में और नाम जोड़ने की तैयारी कर रही है। कमिश्नरेट पुलिस का कहना है, “चमकते शो-रूम के पीछे अपराध का अंधेरा छिपा था। अब इस गैंग का खात्मा तय है।”
क्या रुकेगा ठगी का यह सिलसिला?
‘चंद्रा ज्वैलर्स’ की चमक अब बेनकाब हो चुकी है। सवाल यह है कि क्या इस ठगी के जाल पर पूरी तरह ताला लगेगा, या शहर में और भी ऐसे माफिया छिपे हैं? पुलिस की कार्रवाई और जनता की जागरूकता ही तय करेगी कि वाराणसी की साख पर लगा यह दाग मिटेगा या नहीं!