वाराणसी, 19 जून 2025, गुरुवार: जमीन के सौदों में ठगी का एक और सनसनीखेज मामला सामने आया है। वाराणसी विकास प्राधिकरण (VDA) के नाम का दुरुपयोग कर पूर्वांचल के कई जिलों में अवैध प्लॉटिंग का खेल चल रहा था। VDA की ताबड़तोड़ कार्रवाई में चांदमारी स्थित एक फर्जी कार्यालय को सील कर इस घोटाले का पर्दाफाश किया गया।
कैसे उजागर हुआ फर्जीवाड़ा?
मामला तब सामने आया जब एक नागरिक ने सारनाथ में प्लॉट खरीदने के लिए VDA से संपर्क किया। उनके द्वारा दिखाए गए ब्रोशर और नक्शे की जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ। VDA ने पाया कि उक्त नक्शा प्राधिकरण से स्वीकृत ही नहीं था। इसके बाद VDA की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चांदमारी में संचालित फर्जी कार्यालय पर छापा मारा।
छापेमारी में क्या मिला?
फर्जी दस्तावेज: वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, जौनपुर और चंदौली की कई अवैध प्लॉटिंग साइट्स के ब्रोशर बरामद।
गुमराह करने की साजिश: ब्रोशर में VDA की जगह ‘BDA’ लिखकर लोगों को भ्रमित किया जा रहा था।
मुख्य आरोपी: कार्यालय का संचालन विनोद जैन और सुभाष सिंह कर रहे थे।
अवैध गतिविधि: 1500 वर्ग मीटर में अवैध प्लॉटिंग की जा रही थी।
VDA की सख्त कार्रवाई
VDA ने चांदमारी के फर्जी कार्यालय को तत्काल सील कर दिया। सभी फर्जी ब्रोशर और दस्तावेज जब्त कर लिए गए हैं। प्राधिकरण ने अवैध साइट्स की पहचान शुरू कर दी है और दोषियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की तैयारी है।
VDA उपाध्यक्ष पुलकित गर्ग का बयान:
“प्राधिकरण के नाम पर ठगी करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। जनता को गुमराह करने और फर्जी स्वीकृति का दावा करने वालों पर कड़ा प्रहार किया जाएगा। हम नागरिकों से अपील करते हैं कि प्लॉट खरीदने से पहले नक्शे और दस्तावेजों की प्रामाणिकता VDA से जरूर जांच लें।”
जनता से अपील
VDA ने शहरवासियों से सतर्क रहने की अपील की है। जमीन खरीदने से पहले प्राधिकरण से स्वीकृत नक्शे और दस्तावेजों की जांच अवश्य करें। फर्जीवाड़े से बचने के लिए केवल अधिकृत स्रोतों पर भरोसा करें।