केंद्रीय कैबिनेट ने सरकारी योजनाओं में फोर्टिफाइड चावल के वितरण को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। चावल का फोर्टिफिकेशन करने में हर साल लगभग 2700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा जिसे केंद्र वहन करेगा। इसे साल 2024 तक देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चरणबद्ध तरीके से लागू कर दिया जाएगा।
पूरे देश में तीन चरणों में लागू की जाएगी वितरण योजना
प्रेस सूचना ब्यूरो की ओर से उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार फोर्टिफाइड चावल वितरण की योजना को लागू करने का काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा।
- पहला चरण: मार्च 2022 तक पूरे देश में एकीकृत बाल विकास सेवाओं (आईसीडीएस) और पीएम पोषण को कवर किया जाएगा।
- दूसरा चरण: मार्च 2023 तक सभी आकांक्षी और उच्च बोझ वाले जिलों में लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली व अन्य योजनाओं में इसे लागू किया जाएगा।
- तीसरा चरण: दूसरे चरण के साथ बाकी बचे जिलों में मार्च 2024 तक इस योजना को लागू कर दिया जाएगा।
स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभदायक है फोर्टिफाइड चावल
फोर्टिफाइड चावल में बड़ी मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह आयरन और विटामिन से युक्त होता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी1, विटामिन बी12, फोलिक एसिड, जिंक जैसे कई पोषक तत्वों का मिश्रण होता है। यह चावल लोगों के भोजन में आवश्यक पौष्टिक तत्वों की आवश्यकता को पूरा करता है और कुपोषण पर नियंत्रण पाने में काफी हद तक मददगार हो सकता है।
अटल नवाचार मिशन को मार्च 2023 तक जारी रखने को मंजूरी
वहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अटल नवाचार मिशन को मार्च 2023 तक जारी रखने को मंजूरी दे दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।सरकारी बयान के अनुसार, अटल नवाचार मिशन (एआईएम) अपने लक्षित उद्देश्यों के तहत देश में नवाचार की संस्कृति एवं उद्यमिता का माहौल तैयार करेगा। इसे मिशन के विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से पूरा किया जाएगा। इसमें कहा गया है कि एआईएम के तहत निर्धारित लक्ष्यों में 10,000 अटल टिंकरिंग प्रयोगशालाएं (एटीएल) तथा 101 अटल इंक्यूबेशन केंद्र (एआईसी) स्थापित करना है। इसके अलावा 50 अटल सामुदायिक नवाचार केंद्र तथा अटल नव भारत चुनौतियों के माध्यम से 200 स्टार्टअप को समर्थन देने का लक्ष्य रखा गया है।