कैपिटल हिल हिंसा मामले में जांच कर रही समिति ने सोमवार को अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को जिम्मेदार ठहराया है। बुधवार को समिति अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप ने समिति व सांसदों पर कई आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, 2024 में राष्ट्रपति चुनाव बाहर करने के लिए उनके ऊपर फर्जी आरोप लगाए गए हैं।
अपने ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म पर उन्होंने कहा, उनके खिलाफ अत्यधिक पक्षपातपूर्ण और अचयनित समिति द्वारा फर्जी आरोप पहले ही प्रस्तुत किए जा चुके हैं और महाभियोग के रूप में मुकदमा चलाया जा चुका है। इसके बावजूद मैं आश्वस्त रूप से जीता। उन्होंने कहा, मुझ पर मुकदमा चलाने का पूरा प्रयास महाभियोग की तरह ही है। यह पक्षपातपूर्ण प्रयास मुझे और रिपब्लिकन पार्टी को दरकिनार करने के लिए किया जा रहा है।
हिंसा के समय ट्रंप ने नहीं किया था हस्तक्षेप
वाशिंगटन में अमेरिकी कैपिटल बिल्डिंग (अमेरिकी संसद भवन) के परिसर के बाहर छह जनवरी 2021 को हुई हिंसा की जांच कर रही एक विशेष प्रवर समिति ने सोमवार को अपनी अंतिम सुनवाई की। जांच पैनल की उपाध्यक्ष लिज चेनी ने कहा कि साक्ष्य पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘घोर नैतिक विफलता’ की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने कहा कि कैपिटल हिल घटना के लिए डोनाल्ड ट्रंप जिम्मेदार हैं। जब हिंसा हो रही थी तो उन्होंने हस्तक्षेप नहीं किया था। अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव के पैनल ने संघीय अभियोजकों से पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर कैपिटल हमले में उनकी भूमिका के लिए उनपर बाधा और विद्रोह का आरोप लगाने के लिए कहा।
ट्रंप दोषी ठहराए जाएंगे या नहीं यह न्याय विभाग पर निर्भर
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, छह जनवरी के दंगे की जांच कर रही हाउस कमेटी ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ कई आपराधिक आरोपों पर आगे की कार्रवाई के लिए रेफरल को मंजूरी देने के लिए मतदान किया। हालांकि, यह न्याय विभाग पर निर्भर करेगा कि वह ट्रंप को दोषी ठहराए या नहीं, लेकिन अमेरिकी कांग्रेस अपनी जांच को निष्कर्षों के साथ इसकी अंतिम रिपोर्ट बुधवार को जारी करेगी, जो पूर्व राष्ट्रपति के खिलाफ मामले को समझने में मदद कर सकती है।
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जांच पैनल ने ट्रंप को माना जिम्मेदार
जांच पैनल ने कहा कि ट्रंप अंततः इस हमले के लिए जिम्मेदार थे। जनता और न्याय विभाग के सामने इस तथ्य को साबित करने के लिए कई सारे सबूत इकट्ठा किए गए हैं, जो यह साबित करता है कि क्यों ट्रंप के खिलाफ कई अपराधों के लिए मुकदमा चलाया जाना चाहिए। सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, समिति ने सोमवार को अपना अंतिम सार्वजनिक सत्र आयोजित किया, जिसमें दंगे और हिंसा में ट्रंप की भूमिका को लेकर पैनल की विस्तृत जांच की अंतिम रिपोर्ट को सामने रखा गया।
अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड अंतिम सुनवाई करेंगे
रेफरल काफी हद तक प्रतीकात्मक प्रकृति का होगा- चूंकि पैनल के पास अभियोजन संबंधी शक्तियों का अभाव है और न्याय विभाग (DOJ) को अपराधों की जांच के लिए कांग्रेस से रेफरल की आवश्यकता नहीं है। जांच समिति के सदस्यों ने जोर देकर कहा कि यह कदम उनके विचारों को दर्ज करने का एक तरीका है। अटॉर्नी जनरल मेरिक गारलैंड आरोप तय करने के निर्णयों पर अंतिम सुनवाई करेंगे।
ट्रंप के इरादे का वर्णन करने के लिए समिति ने बार-बार जोरदार भाषा का उपयोग करते हुए कहा कि उन्होंने 2020 के चुनाव को पलटने के अपने प्रयासों को पूरा करने के लिए धोखाधड़ी के झूठे आरोपों को जानबूझकर प्रसारित किया और लगभग 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर का राजनीतिक योगदान सफलतापूर्वक प्राप्त किया। इन झूठे दावों ने उनके समर्थकों को छह जनवरी को हिंसा के लिए उकसाया।
बुधवार को जारी की जाएगी रिपोर्ट
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, पूरी रिपोर्ट 1000 से अधिक साक्षात्कारों, ईमेल, टेक्स्ट, फोन रिकॉर्ड सहित एकत्र किए गए दस्तावेज व जांच के दौरान जुटाई गई अन्य सामग्री और नौ सदस्यीय द्विदलीय समिति द्वारा डेढ़ साल की जांच के आधार पर तैयार की गई है, जिसे बुधवार को जारी किया जाएगा।
लगभग 140 पुलिस अधिकारियों पर किया गया था हमला
6 जनवरी, 2021 को हजारों व्यक्तियों जिनमें ज्यादातर ट्रंप के समर्थक थे। सभी ने वाशिंगटन डीसी में कैपिटल हिल पर धावा बोल दिया था और 2020 के राष्ट्रपति चुनाव परिणामों की पुष्टि करने की प्रक्रिया में कांग्रेस के संयुक्त सत्र को बाधित कर दिया था। इस घटना में दर्जनों लोग घायल हो गए थे जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे। कैपिटल हमले में लगभग 140 पुलिस अधिकारियों पर हमला किया गया था, जिसमें लगभग 80 यूएस कैपिटल पुलिस और 60 मेट्रोपॉलिटन पुलिस विभाग शामिल थे।