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Friday, November 22, 2024

पूर्व पीएम ताजुद्दीन अहमद की बेटी सीमिन होसैन शुक्रिया’ अदा करने त्रिपुरा पहुंचीं 

1971 में बांग्लादेश की आजादी की जंग के समय खून की प्यासी पाकिस्तानी फौज से बचकर अस्थायी सरकार के प्रधानमंत्री रहे ताजुद्दीन अहमद की बेटी सीमिन होसैन रिमी परिवार के साथ जान बचकर किसी तरह त्रिपुरा पहुंची थीं। तब केवल नौ वर्ष की रही रिमी अब 60 साल की हैं। उन दिनों को याद कर शुक्रिया अदा करने के लिए वे फिर त्रिपुरा लौटी हैं। बांग्लादेश की आजादी और दोनों देशों की दोस्ती की गोल्डन जुबली पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के बाद वे त्रिपुरा पहुंचीं।

छोटे से शहर सोनामुरा की सीमा बांग्लादेश के कोमिला जिले से मिलती है। यहां युद्ध के दौरान पूर्वी पाकिस्तान से आए हजारों लोगों को शरण दी गई थी। यही नहीं, मुक्ति वाहिनी के लिए प्रशिक्षण शिविर और अस्पताल भी बनाया गया था। अब बांग्लादेश में संसद सदस्य रिमी के पिता की गिनती बांग्लादेश के उदय के प्रमुख नायकों में होती है। उथल-पुथल भरे उन दिनों को याद करती हुई वे कहती हैं, पूर्वी पाकिस्तान से आए लोगों को शरण देने के लिए उन दिनों स्कूल बंद कर दिए गए थे। मुझे यकीन नहीं हो रहा कि मैं उस समय के उपमंडल अधिकारी के बंगले के सामने खड़ी हूं, जिसमें हमने शरण ली थी। मेरे आंसू अब खुशी के हैं।

newsaddaindia6
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Anita Choudhary is a freelance journalist. Writing articles for many organizations both in Hindi and English on different political and social issues

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