बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री रह चुकीं परवीन अमानुल्लाह का निधन हो गया। पिछले कुछ साल से वह बीमार चल रही थीं। दिल्ली में रविवार रात को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके निधन से समाज को अपूरणीय क्षति हुई है। उनके पति अफजल अमानुल्लाह भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। वह गृह सचिव के पद पर रह चुके थे। वह बेगूसराय के जिलाधिकारी भी रह चुके हैं। उनके इंतकाल की सूचना मिलने के बाद बेगूसराय के लोग मर्माहत हो गये। लोगों का कहना है उन्होंने स्वाभिमान के साथ राजनीति की और अपने स्वाभिमान के लिए उन्होंने मंत्री पद को ठोकर मारकर विधायक पद से भी इस्तीफा दे कर बिहार में मिशाल कायम किया था।
राजकीय सम्मान के साथ होगा अंतिम संस्कार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्वपूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि कहा है कि वे एक कुशल राजनेत्री एवं समाजसेवी थीं। वे मृदुभाषी एवं सरल स्वभाव की महिला थी। उन्होंने बिहार सरकार में समाज कल्याण मंत्री की जिम्मेदारी का कुशलतापूर्वक निर्वहन किया था। उनके निधन से राजनीतिक एवं सामाजिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है। मुख्यमंत्री ने पूर्व मंत्री स्व० परवीन अमानुल्लाह के पति सेवानिवृत्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अधिकारी अफजल अमानुल्लाह और उनके छोटे भाई सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश अहसानुद्दीन अमानुल्लाह से दूरभाष पर बात कर उन्हें सांत्वना दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर से प्रार्थना है कि वे उन्हें जन्नत में अहम मकाम अता करें और उनके परिवार वालों को इस अपूरणीय क्षति को सहन करने की ताकत दें ।
नीतीश की अपील के बाद भी पार्टी छोड़ने पर रही थी अटल
बेगूसराय के एक समाजसेवी ने कहा कि उस समय परवीन अमानुल्लाह समाज कल्याण मंत्री थी, उन्होंने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा। परवीन अमानुलाह ने उस समय मुख्यमंत्री को कोई जवाब नहीं दिया। फिर अपने निवास स्थान पर आकर उन्होंने फोन से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सूचित करते हुए कहा कि मैं अपने फैसले पर कायम हूं। परवीन अमानुल्लाह ने कहा कि मुझे इस पद और पार्टी छोड़ने का कोई दुःख नहीं है। उन्होंने कहा कि मैं स्वतंत्र होकर काम करना चाहती हूँ और लोगों की भलाई करने में मुझे ख़ुशी मिलती है। मुझे आपसे कोई शिकायत नहीं है, बस पार्टी के साथ मेरा यहीं तक का सफर था।
RTI एक्टिविस्ट बनींं, 2010 में लड़ा चुनाव
दरसअल, परवीन अमानुल्लाह ने RTI एक्टिविस्ट के रूप में अपने करियर की शुरुआत की। 2010 में उन्होंने बेगूसराय के साहेबपुर कमाल विधानसभा क्षेत्र से जदयू की टिकट पर चुनाव लड़ा और राष्ट्रीय जनता दल के श्रीनारायण यादव काे पराजित किया था। इसके बाद नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार में वह मंत्री बनायीं गयीं। लगभग चार वर्षों तक वह मंत्री रहीं। वर्ष 2014 में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। दो वर्षों बाद वह आम आदमी पार्टी में शामिल हो गयीं।