पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे: संघर्ष विराम एक स्वागत योग्य कदम है, हालांकि यह जरूरी है कि दूसरे मोर्चों पर पाकिस्तान की घेरेबंदी में कोई कमी न आने दें।
देश की बहुत बड़ी आबादी जहां संघर्ष विराम की इच्छुक थी, वहीं कईयों का मानना है कि अभी रुकने का वक्त नहीं था। अपनी तीनों सेनाओं के पराक्रम और लक्ष्य पर सटीक कार्रवाई की क्षमता के प्रदर्शन के साथ पाकिस्तान को संघर्ष विराम का प्रस्ताव देने के लिए मजबूर करने के बाद भारत को तब तक दबाव का बटन दबाए रखना चाहिए जब तक आतंकवाद की बुनियादी समस्या का कोई स्थायी समाधान न निकल आए।
यह कहना है पूर्व सेना प्रमुख मनोज नरवणे का। नरवणे समेत कुछ अन्य पूर्व सैन्य अधिकारियों और रक्षा विशेषज्ञों की राय है कि पाकिस्तान के मामले में देश को स्पष्ट लक्ष्य हासिल किए बिना अपना सैन्य अभियान समाप्त नहीं करना चाहिए।
नरवणे ने एक्स पर लिखा है-संघर्ष विराम एक स्वागत योग्य कदम है। हालांकि यह जरूरी है कि दूसरे मोर्चों पर पाकिस्तान की घेरेबंदी में कोई कमी न आने दें। इसी से हमें स्थायी और लंबे समय तक टिकने वाला समाधान मिलेगा।