आंध्र प्रदेश के पूर्व सीएम चंद्रबाबू नायडू ने एसीबी कोर्ट को पत्र लिखकर जेल में सुरक्षा खामियों का आरोप लगाया है। इससे पहले, उनके बेटे नारा लोकेश भी अपने पिता की जान को खतरा बता चुके हैं। नारा ने आंध्र प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया था कि अगर भ्रष्टाचार मामले में जेल में बंद आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू को कुछ भी होता है तो उसके जिम्मेदार सीएम वाईएस जगन मोहन रेड्डी होंगे।
आंध्र प्रदेश के खजाने को 371 करोड़ का चूना लगा?
बता दें, 73 वर्षीय नायडू पर 2015 में मुख्यमंत्री रहने के दौरान कौशल विकास निगम से धन का कथित दुरुपयोग का आरोप लगा है। आरोपों के आधार पर नायडू को नौ सितंबर को गिरफ्तार किया गया था। सरकार का आरोप है कि नायडू के कथित दुरुपयोग के कारण राज्य के खजाने को 371 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। पूर्व मुख्यमंत्री फिलहाल न्यायिक हिरासत में है और आंध्र प्रदेश की राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल में बंद हैं।
अदालत को लिखे पत्र में यह कहा गया
नायडू ने विजयवाड़ा एसीबी अदालत के न्यायाधीश बीएसवी हिमा बिंदु को लिखे पत्र में कहा, ‘मुझे दी की गई जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा के अनुरूप राजमहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार में और उसके आसपास फुलप्रूफ सुरक्षा व्यवस्था करने का अनुरोध किया जाता है।’
प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए…
नायडू ने जेल परिसर में प्रवेश करते समय वीडियो फुटेज और तस्वीरों को खींचना और दो बार जेल के ऊपर ड्रोन मंडराने जैसी कई कथित खामियों पर कहा कि जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा होने के बावजूद ये घटनाएं हुई हैं। इस साफ है कि सूरक्षा में लगातार चूक हो रही है और जीवन खतरे में है। पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि पुलिस ने वीडियो फुटेज और तस्वीरें लीक की हैं, जिन्हें बाद में उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर वायरल किया गया। साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मादक पदार्थों के मामले में जेल में बंद एक रिमांड कैदी पेन कैमरा लेकर घूम रहा है।
इतना ही नहीं, नायडू ने यह भी दावा किया कि पूर्वी गोदावरी जिले के पुलिस अधीक्षक और जेल अधिकारियों को वामपंथी उग्रवादियों से एक गुमनाम पत्र मिला है, जिसमें उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई है।
सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर हो रहा
पूर्व सीएम ने आरोप लगाया कि अज्ञात बदमाशों ने सत्ता में बैठे लोगों के इशारे पर जेल में उनकी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए ड्रोन भी उड़ाया। उन्होंने कहा कि ड्रोन खुली जेल के पास आया, जहां कुछ कैदियों को रखा गया था। इस घटना पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की।
नायडू ने कहा कि छह अक्टूबर को जेल के मुख्य द्वार के ऊपर एक और ड्रोन उड़ाया गया ताकि उनसे मिलने आए उनके परिवार के सदस्यों की तस्वीरें ली जा सकें। इन कथित खामियों पर विचार करते हुए नायडू ने न्यायाधीश से राजामहेंद्रवरम केंद्रीय कारागार के आसपास फुलप्रूफ सुरक्षा की व्यवस्था करने का अनुरोध किया।