मुंबई, 18 जनवरी 2025, शनिवार। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 19वें नानी ए. पालकीवाला स्मारक व्याख्यान में भाग लेते हुए पड़ोसी देशों के साथ संबंधों पर चर्चा की। उन्होंने आतंकवाद को समर्थन देने वाले पाकिस्तान पर कड़ी निंदा की और म्यांमार और अफगानिस्तान के साथ भारत के पुराने संबंधों का उल्लेख किया। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा अपने पड़ोसियों की संकट के समय मदद की है। उन्होंने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने पर जोर दिया और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर, विदेश मंत्री ने भारत की विदेश नीति के मुख्य बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला, जिसमें पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाना, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सहयोग करना, और वैश्विक मंच पर भारत की आवाज को मजबूत बनाना शामिल है। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पाकिस्तान की तुलना कैंसर से की, जो अब उसके अपने राजनीतिक शरीर को खा रहा है। जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने में अपवाद बना हुआ है, जिसका असर अब पाकिस्तान की राजनीति पर भी दिखने लगा है।
उन्होंने आगे कहा कि पूरे उपमहाद्वीप के हित के लिए पाकिस्तान को यह रवैया छोड़ देना चाहिए। इसके अलावा, जयशंकर ने भारत की विदेश नीति पर अपनी राय रखते हुए कहा कि भारत को उभरती तकनीकों में पीछे नहीं रहना चाहिए और अपने पश्चिमी हितों को ध्यान में रखते हुए दुनिया के साथ अच्छा रिश्ता बनाना चाहिए।
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत अपने विकास को बढ़ाते हुए बाहरी खतरों से बचने के लिए काम कर रहा है और खुद को एक मित्र देश मानता है। उन्होंने वित्तीय संस्थानों से उत्पन्न चुनौतियों पर बोलते हुए कहा कि भारत को अपने आंतरिक विकास को बढ़ाना चाहिए और साथ ही अपने बाहरी जोखिम को कम करना चाहिए। अंत में, जयशंकर ने भारत के कूटनीतिक दृष्टिकोण को तीन शब्दों में बताया: पारस्परिक सम्मान, संवेदनशीलता, और हित। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दस सालों ने यह दिखाया है कि कैसे हम बिना किसी को अलग किए, दुनिया भर के विभिन्न रिश्तों को आगे बढ़ा सकते हैं।