उज्जैन, 30 दिसंबर 2024, सोमवार। उज्जैन के नजदीक निनोरा गांव स्थित परमानंद योग आनंदमय पीठ में रविवार को 3 विदेशी जोड़ों ने वैदिक पद्धति से विवाह कर भारतीय संस्कृति को आत्मसात किया। इटली, अमेरिका, और पेरू के इन जोड़ों ने सात फेरे लेकर एक-दूसरे के साथ जीवन भर साथ रहने का वादा किया। इन विदेशी जोड़ों ने भारतीय वेशभूषा में शादी की। दूल्हे शेरवानी और साफा पहने थे, जबकि दुल्हनें लाल साड़ी में सज संवरकर पहुंचीं। बारात निकली और फिर सात फेरों के साथ वैदिक पद्धति से इन्होंने शादी रचाई।
परमानंद योग पीठ में पूजन और विवाह से संबंधित रस्में रविवार सुबह से ही शुरू हो गई थीं। 10.30 बजे के आसपास दारियो (विष्णु आनंद) और मार्टिना (मां मंगलानंद), इअन (आचार्य रामदास आनंद) और गेब्रियला (मां समानंद), और मॉरजिओ (प्रकाशानंद) और नेल्मास (मां नित्यानंद) ने विधि-विधान से विवाह संस्कार पूरे किए। इस पावन अवसर पर सभी ने पारंपरिक भारतीय पोशाकें पहन रखी थीं और वातावरण शुद्ध मंत्रोच्चार से गूंज रहा था। बारात के बाद वरमाला और फिर सभी ने सात फेरे लिए। यह जोड़े परमानंद इंस्टीट्यूट ऑफ योगा साइंस एंड रिसर्च, इंदौर में योग प्रशिक्षण के लिए आए थे। यहां इन्होंने न केवल योग सीखा बल्कि भारतीय संस्कृति और परंपराओं में भी गहरी रुचि दिखाई।
वैवाहिक रस्मों की शुरुआत एक दिन पहले इंदौर में हल्दी और मेंहदी समारोह से हुई। शाम को महिला संगीत में विदेशी मेहमानों साथ लोग खूब नाचे। इस समारोह में भारतीय और विदेशी संस्कृतियों का सुंदर संगम दिखा। परमानंद योग इंस्टीट्यूट के डॉ उमानंद गुरुजी महाराज ने बताया कि “ये सभी जोड़े भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म से इतने प्रभावित हुए कि इन्होंने हिंदू नाम भी अपना लिए। विवाह के बाद उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया और जीवन को आध्यात्मिकता के नए आयाम देने का संकल्प लिया।” उन्होंने वैदिक विवाह का फायदे बताते हुए कहा कि विदेशियों में तलाक के मामले बढ़ रहे हैं।
यह सभी जोड़े 3 जनवरी को अपने-अपने देश लौट जाएंगे। वहां जाकर वे भारतीय संस्कृति और योग के माध्यम से शांति और सद्भाव का संदेश फैलाएंगे। इस आयोजन ने केवल भारतीय संस्कृति की खूबसूरती को उजागर किया, बल्कि यह भी बताया कि किस तरह योग और सनातन परंपराएं दुनियाभर के लोगों को आकर्षित कर रही हैं।