प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर पूरी अयोध्या सुरक्षा के घेरे में रहेगी। सात बड़ी सुरक्षा एजेंसियां रामनगरी के विभिन्न इलाकों में छानबीन में जुटी हैं। इसके अलावा जिले की सीमाओं पर भी चौकसी बढ़ाई गई है। आने-जाने वाले वाहनों की सघन तलाशी करके ही प्रवेश दिया जा रहा है
जिले के विभिन्न इलाकों में बने होटल, लॉज व धर्मशालाओं में भी टीमें छानबीन कर रही हैं। यहां ठहरे व बुकिंग कराए लोगों का भी सत्यापन कराया जा रहा है। वहीं, राम मंदिर की सुरक्षा के लिए सरयू की लहरों पर अत्याधुनिक तकनीक वाले सर्विलांस रूम बनेंगे। इनके माध्यम से चौधरी चरण सिंह घाट से गुप्तार घाट तक नदी की निगरानी की जाएगी।
प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी की फ्लीट के रूट पर भी पुलिस टीमें जांच-पड़ताल कर रही हैं। प्राण प्रतिष्ठा के दिन यहां देश और दुनिया के विशिष्टजन उपस्थित होंगे। इसके बाद यहां प्रतिदिन एक से दो लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने का अनुमान है।
103 स्कूलों में रुकेगी पुलिस, 20 दिन बाधित रहेगी पढ़ाई
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के दौरान बाहरी जिलों से आने वाले फोर्स को ठहराने की कसरत शुरू हो गई है। इसके लिए जिले के 103 स्कूलों का अधिग्रहण किया जा रहा है। एसएसपी ने जरूरत बताई तो जिला विद्यालय निरीक्षक ने संबंधित स्कूलों को पत्र भेज दिया। 10 जनवरी से 20 दिन के लिए इन स्कूलों में जवानों का डेरा रहेगा। इस दौरान शिक्षण कार्य बाधित रहेगा।
जिले में पुलिस, पीएसी, आरएएफ, सीआरपीएफ के जवानों के जत्थे आने लगे हैं। इनके लिए नगर कोतवाली क्षेत्र के सर्वाधिक 14, कैंट के 12, रुदौली के 11, पूराकलंदर के 10, इनायतनगर के नौ, गोसाईगंज व रौनाही के आठ-आठ, कोतवाली अयोध्या, बीकापुर व खंडासा के छह-छह, कुमारगंज व महाराजगंज के पांच-पांच व तारुन थाना क्षेत्र के तीन स्कूल लिए जाने जा रहे हैं। प्रत्येक स्कूल के चार-पांच कमरों में 100-100 पुलिसकर्मी रुकेंगे।
15 जनवरी से पथों पर उतरेगा ई-बसों का बेड़ा
श्रीराम जन्मभूमि को जाने वाले पथों पर 15 जनवरी से ई-बसों का बेड़ा उतार दिया जाएगा। ये बसें एक दिन पहले 14 जनवरी को अयोध्या पहुंच जाएंगी। पहले चरण में ई-बसों को रामपथ और धर्मपथ पर चलाया जाएगा। रामपथ पर शहर के इंट्री प्वाइंट सहादतगंज से अयोध्याधाम तक और धर्मपथ पथ के इंट्री प्वाइंट साकेत पेट्रोल पंप तक चलेंगी। जिलाधिकारी नितीश कुमार ने बताया कि दोनों पथों को हर हाल में 13 जनवरी तक तैयार करने के लिए कहा गया है। रात-दिन काम करवाकर पथों के निर्माण को पूरा कराया जा रहा है।