वाराणसी, 22 मार्च 2025, शनिवार। अगर आप वाराणसी में किसी होटल या रेस्टोरेंट में खाने का प्लान बना रहे हैं, तो जरा रुकिए! खासकर पनीर, दही या दूध से बने लजीज व्यंजनों का ऑर्डर देने से पहले दो बार सोच लें। हाल ही में हुई एक जांच ने काशी के खान-पान की दुनिया में हड़कंप मचा दिया है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन की टीम ने शहर के 71 होटलों और रेस्टोरेंट्स में इस्तेमाल होने वाले डेयरी प्रोडक्ट्स को घटिया पाया है। बड़े-बड़े नामी होटलों से लेकर स्पेंसर जैसे स्टोर्स तक, कोई भी इस जांच की आंच से नहीं बच पाया। नतीजा? अदालत ने इन सभी पर कुल 57.75 लाख रुपये का भारी-भरकम जुर्माना ठोक दिया।
महाकुंभ में शुरू हुई सख्ती
यह सब शुरू हुआ महाकुंभ के दौरान, जब वाराणसी में तीर्थयात्रियों की भीड़ उमड़ी थी। सरकार का साफ निर्देश था कि किसी भी यात्री को खराब खाना न मिले। इसी के तहत फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने फरवरी में कमर कसी और 100 से ज्यादा होटलों, रेस्टोरेंट्स और फूड स्ट्रीट्स पर छापेमारी की। पनीर, दही और दूध से बने उत्पादों के सैंपल लिए गए और प्रयोगशाला में भेजे गए। जब रिपोर्ट आई, तो सबके होश उड़ गए। 71 जगहों के सैंपल फेल हो गए, यानी ये खाने लायक ही नहीं थे!
अदालत ने सुनाया फैसला
फूड सेफ्टी डिपार्टमेंट ने देर न करते हुए सभी दोषी प्रतिष्ठानों के खिलाफ एडीएम सिटी आलोक वर्मा की अदालत में मुकदमा दर्ज किया। जांच रिपोर्ट के आधार पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया और कुल 57 लाख 75 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया। सबसे बड़ा झटका वाराणसी पैलेस होटल को लगा, जिसे 4 लाख 20 हजार रुपये का दंड भुगतना पड़ेगा।
30 दिन की मोहलत, वरना होगी कार्रवाई
अदालत ने दोषी होटलों और रेस्टोरेंट्स को जुर्माना भरने के लिए 30 दिन का समय दिया है। अगर इस दौरान राशि जमा नहीं हुई, तो वसूली के लिए नोटिस जारी होगी और सख्त कदम उठाए जाएंगे।