सेल्फी के चस्के ने ली जान, गंगा में डूबे 3 स्टूडेंट
वाराणसी। सेल्फी और रील बनाने के चक्कर में लोग किसी भी तरह के खतरे को मोल लेने से भी नहीं चूक रहे हैं। रील की खुमारी लोगों पर इतनी हावी हो गई है कि वो किसी भी हद को पार कर जा रहे हैं। ऐसा ही एक मामला वाराणसी में सामने घाट पर एक लड़की और दो लड़के गंगा में डूब गए। घटना रविवार की है। सेल्फी लेते समय पहले लड़की गंगा में गिर गई, उसको बचाने के लिए दो लड़के भी छलांग लगा दिए, लेकिन वह दोनों भी डूब गए। गंगा में डूबी बिहार की छात्रा सोना का शव 36 घंटे बाद बरामद हुआ है। नमो घाट के पास गंगा में शव उतराया मिला। घटना वाली जगह से 6 किमी दूर शव मिला है। पुलिस ने इसकी सूचना घर वालों को दे दी है। अब तक डूबे तीन में से दो लोगों के शव मिल गए हैं। ऋषि की तलाश अभी भी जारी है।
दरअसल, सेल्फी लेने के दौरान 3 स्टूडेंट्स गंगा में डूब गए। एक छात्र वैभव की लाश मिल गई। सेल्फी लेते समय मेडिकल की छात्रा सोना गंगा में गिर गई थी। उसे बचाने के लिए दो छात्रों ने भी छलांग लगा दी। तेज बहाव के चलते दोनों छात्र भी डूब गए थे। घटना सामने घाट की है। बिहार के मोतिहारी के रहने वाले वैभव सिंह जयपुर के विवेकानंद ग्लोबल यूनिवर्सिटी में एलएलबी द्वितीय वर्ष का छात्र था। उसका पड़ोसी ऋषि राज भी उसी विश्वविद्यालय से बीटेक कर रहा है। दोनों रक्षाबंधन में घर आए थे और रविवार उन्हें बनारस स्टेशन से जयपुर के लिए ट्रेन पकड़नी थी। दोनों ने शनिवार को ही वाराणसी आना तय किया। बिहार के रक्सौल निवासी निधि उर्फ सोना सिंह भी उनके साथ वाराणसी आना चाहती थी। वह छोटी बहन के BHU में एडमिशन की जानकारी लेने के लिए आई थी।
पटना के हिमालया कॉलेज से फिजियोथेरेपी का कोर्स कर रही सोना ने मोतिहारी के एमएस कॉलेज से BA थर्ड ईयर के छात्र ऋषि को भी वाराणसी चलने के लिए राजी कर लिया। सभी पटना से ट्रेन से शनिवार रात 10 बजे PDDU नगर रेलवे स्टेशन पहुंचे। यहां वैभव की दोस्त तनु के यहां सामने घाट स्थित कृष्णा नगर कॉलोनी के फ्लैट पर पहुंचे। खाना खाया। देर रात पांच लोग गंगा किनारे टहलने चले गए। इस दौरान सोना, वैभव और ऋषि घाट पर बिना रेलिंग की फ्लोटिंग जेटी पर चले गए, जबकि तनु और ऋषि रेलिंग लगी जेटी पर गए। सेल्फी ले रही सोना का पैर फिसलने से गंगा में गिर गई। उसे बचाने के लिए ऋषि गंगा में कूदा और तेज धार में दोनों बहने लगे। यह देखकर वैभव ने भी छलांग लगा दी।

एक और दोस्त की सूचना पर लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा पहुंचे। NDRF और जल पुलिस को जानकारी दी। गोताखोरों ने थोड़ी ही देर में वैभव का शव बरामद कर लिया। वहीं, सोमवार को घटना वाली जगह से 6 किलोमीटर दूर सोना का भी शव मिला है। वैभव के पिता बोले कि इकलौता बेटा दुनिया छोड़ गया। वैभव के पिता किसान हैं और उसकी एक छोटी बहन है जो गांव में पढ़ती है। ऋषि के पिता व्यवसाय करते हैं। ऋषि दो भाइयों में बड़ा है। वैभव सिंह के पिता सत्य प्रकाश ने रोते हुए कहा कि मेरा इकलौता बेटा दुनिया छोड़ गया। करीब एक मिनट वह सिर्फ रोते रहे। फिर लड़खड़ाती आवाज में बोले कि अब मेरा सहारा कौन बनेगा। मेरा तो सब कुछ खत्म हो गया, हम क्या बताएं। लड़का घर से बोल कर निकला था कि सुबह जयपुर जाना है, लेकिन उससे पहले यह हादसा हो गया।
छात्र-छात्रा के डूबने की सूचना पर उनके परिजन वाराणसी पहुंचे। सोना की मां रिकू सिंह को बेटी के डूबने की जानकारी हुई तो बदहवास हो गई। उन्होंने बताया कि रविवार की सुबह 9 बजे बेटी को फोन किया तो लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्र ने फोन रिसीव किया। घटना की जानकारी दी। सोना चार बहन और एक भाई में दूसरे नंबर पर थी। उसके पिता अरविंद सिंह देर रात वाराणसी पहुंचे। वैभव के पिता सत्यप्रकाश वाराणसी पहुंचे। पोस्टमॉर्टम के बाद बेटे का शव उन्हें सौंप दिया। काशी में मौत हुई, इसलिए परिजनों ने अंतिम संस्कार यहीं हरिश्चंद्र घाट पर किया।
नेपाल के पिपरपाती गांव निवासी ऋषि किराए के मकान में मोतिहारी के चांदमारी मोहल्ला में रहता है। उसके पिता मनोज कुमार भी बेटे के डूबने की सूचना पर वाराणसी आ गए। परीक्षा में शामिल होने के लिए ऋषि का दोस्त रिशु जयपुर के लिए रवाना हो गया। वैभव सिंह रक्षाबंधन पर पांच दिन के लिए घर आए थे। वह सभी यूनिवर्सिटी में होने वाली परीक्षा में शामिल होने के लिए वापस जयपुर जाने वाले थे, लेकिन यह बड़ा हादसा हो गया।
वाराणसी में गंगा में डूबने से इस साल जनवरी से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है। जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव ने बताया कि गंगा का जलस्तर बढ़ने से सभी घाट खतरनाक हो गए हैं। पानी कहां-कितना गहरा है, इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है। इसलिए जो भी लोग गंगा स्नान करने आएं, वह पूरी तरह से सतर्क रहें। सेल्फी लेने के चक्कर में जान से खिलवाड़ न करें। रविवार सुबह गंगा का जलस्तर 66.64 मीटर रिकॉर्ड किया गया। यहां वॉर्निंग लेवल 70.26 मीटर है, इस समय गंगा का पानी वॉर्निंग लेवल से 3.62 मीटर नीचे बह रहा है। वाराणसी के करीब 40 से ज्यादा घाट इस समय गंगा में डूबे हैं।